बीजेपी ने कंगना रनौत को बयानबाजी से रोका: मंडी सांसद के ये बयान हैं बेहद विवादित
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किसान पंजाब को बांग्लादेश बना दिए रहते...
कंगना ने बांग्लादेश की हिंसा को पंजाब के किसान आंदोलन से जोड़कर बीजेपी को बैकफुट पर ला दिया है। कंगना ने केंद्र सरकार की तारीफ में भूल गईं कि किसानों पर अमर्यादित बयान देकर वह देशभर के अन्नदाताओं को नाराज करने जा रही हैं। कंगना रनौत ने एक इंटरव्यू में कहा कि पंजाब में किसान आंदोलन के नाम पर उपद्रवी हिंसा फैला रहे थे। वहां रेप और हत्याएं हो रही थीं। अगर हमारा शीर्ष नेतृत्व मजबूत नहीं रहता तो किसान आंदोलन के दौरान पंजाब को भी बांग्लादेश बना दिया जाता। किसान बिल को वापस ले लिया गया वर्ना इन उपद्रवियों की बहुत लंबी प्लानिंग थी। वे देश में कुछ भी कर सकते थे।
तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन पर भी भद्दी टिप्पणी
तीन कृषि कानूनों को रद्द करने के लिए देशभर में हुए किसान आंदोलन पर भी कंगना रनौत ने विवादित बयान देकर बवाल मचा दिया था। इस दौरान उनके खिलाफ कई एफआईआर भी दर्ज कराए गए। हालांकि, उस समय वह सांसद नहीं थीं। कंगना ने किसान आंदोलन के एक पोस्ट पर बुजुर्ग बिलकिस दादी कहते हुए बेहद आपत्तिजनक पोस्ट किया था। इस पोस्ट को कर्नाटक हाईकोर्ट ने हटाने और फिल्म अभिनेत्री के खिलाफ एफआईआर का आदेश दिया था। कंगना ने लिखा था: ये वही दादी है जिसे टाइम मैग्जीन में भारत की पावरफुल महिला होने पर फीचर किया गया था। वो 100 रुपये में उपलब्ध है।
किसान आंदोलन के दौरान कंगना रनौत ने किसानों को खालिस्तानी तक कह दिया था। उन्होंने आंदोलन कर रहे किसानों को खालिस्तानी आंतकवादी बताया था। उन्होंने लिखा था: ‘खालिस्तानी आतंकवादी आज सरकार पर दबाव बना रहे हैं लेकिन हमें एक महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को नहीं भूलना चाहिए। इंदिरा गांधी ने इन्हें अपनी जूती के नीचे कुचल दिया था। भले उन्होंने इस देश को कितनी भी पीड़ा दी हो लेकिन उन्होंने अपनी जान की कीमत पर इन्हें मच्छरों की तरह कुचल दिया लेकिन देश के टुकड़े नहीं होने दिए। उनकी मृत्यु के दशकों बाद भी आज भी उनके नाम से कांपते हैं इनको वैसा ही गुरू चाहिए।’
आजादी 2014 के बाद मिली...
पीएम नरेंद्र मोदी के कार्यकाल की तारीफ करते हुए इतना बोल गईं कि आलोचनाओं से घिर गईं। उन्होंने एक कार्यक्रम में 2021 में कहा था कि 1947 में भारत को जो आज़ादी मिली, वह 'भीख' थी। भारत को असली आज़ादी 2014 में मिली जब नरेंद्र मोदी ने पहली बार प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली।
मुंबई की कर दी थी पाकिस्तान के कब्जे वाली कश्मीर से तुलना
2020 में भी कंगना रनौत ने विवादित बयान देकर सुर्खियां बटोरी थी। अभिनेत्री ने कहा कि बॉलीवुड के माफियाओं से ज़्यादा मुंबई पुलिस ने उन्हें परेशान किया है। उन्होंने मुंबई की तुलना पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से की थी। उन्हें इस शहर में असुरक्षित महसूस होता है।
कंगना रनौत ने करण जौहर के शो "कॉफी विद करण" पर उन्हें "नेपोटिज्म का ध्वजवाहक" कहकर संबोधित किया था। इस बयान से उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री में नेपोटिज्म और भाई-भतीजावाद पर एक बड़ी बहस छेड़ दी थी।
सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद कंगना ने उसे बॉलीवुड की साजिश बताया था। उन्होंने कहा था कि बॉलीवुड माफिया ने सुशांत को आत्महत्या करने के लिए मजबूर किया।
कंगना रनौत ने बॉलीवुड को गटर कहकर भी विवाद खड़ा कर दिया था। उन्होंने कहा कि बॉलीवुड एक ऐसा गटर है जो "ड्रगीज" और "बुलीज़" से भरी हुई है।
जेएनयू स्टूडेंट्स और एंटी-बीजेपी गुटों को कंगना रनौत ने टुकड़े-टुकड़े गैंग कहते हुए कहा कि वे राष्ट्र-विरोधी हैं।
कंगना ने दीपिका पादुकोण के डिप्रेशन को लेकर एक विवादित टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा कि सेलिब्रिटीज मानसिक स्वास्थ्य का इस्तेमाल प्रचार के लिए करते हैं।
कंगना ने आलिया भट्ट और रणबीर कपूर की आलोचना करते हुए उन्हें गैर-जिम्मेदार और मूर्ख कहा क्योंकि वे राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों पर कोई स्टैंड नहीं लेते। उन्होंने उन्हें फिल्म इंडस्ट्री की कठपुतली भी कहा था।
जब जया बच्चन ने फिल्म इंडस्ट्री की बदनामी के खिलाफ संसद में बोला तो कंगना रनौत ने जवाब देते हुए कहा था कि जया जी, क्या आप यही बात तब भी कहेंगी जब आपकी बेटी श्वेता को किशोरावस्था में पीटा गया हो, नशा दिया गया हो, और उसके साथ बदसलूकी की गई हो?