सार
कर्नाटक कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष ने कहा कि मैंने जो कहा उसमें कुछ भी गलत नहीं है। उन्होंने कहा, 'सभी को साबित करने दें कि मैं गलत हूं। अगर मैं गलत हूं तो मैं विधायक पद से इस्तीफा दे दूंगा, सिर्फ अपने बयान के लिए माफी नहीं मांगूंगा।'
Controversy on Hindu word: हिंदू शब्द के अर्थ को लेकर कर्नाटक में शुरू हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। हिंदू को फारसी भाषा का शब्द और उसका अर्थ अश्लील बताने वाले कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष सतीश जारकीहोली ने एक बार फिर अपनी बातों को दोहराते हुए गलत साबित करने का चैलेंज दिया है। उन्होंने कहा कि अगर उनकी बातों को कोई गलत साबित कर देगा तो वह इस्तीफा दे देंगे।
क्या चैलेंज किया जारकीहोली ने?
कर्नाटक कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष ने कहा कि मैंने जो कहा उसमें कुछ भी गलत नहीं है। यह फारसी शब्द (हिंदू) कैसे आया, इसके बारे में सैकड़ों रिकॉर्ड हैं। इसका उल्लेख स्वामी दयानंद सरस्वती की पुस्तक 'सत्यार्थ प्रकाश', डॉ जीएस पाटिल की पुस्तक 'बसव भारत' और बाल गंगाधर तिलक की पुस्तक में किया गया है। 'केसरी' अखबार भी। उन्होंने दावा किया है कि इसके अलावा विकीपीडिया व अन्य तमाम वेबसाइट्स पर भी तमाम आर्टिकल्स मौजूद हैं। इसके लिए पढ़ा जा सकता है। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि अगर वह गलत साबित हुए तो विधायक का पद छोड़ देंगे। उन्होंने कहा, 'सभी को साबित करने दें कि मैं गलत हूं। अगर मैं गलत हूं तो मैं विधायक पद से इस्तीफा दे दूंगा, सिर्फ अपने बयान के लिए माफी नहीं मांगूंगा।'
किस बयान पर मचा है बवाल?
बेलगावी जिले में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कर्नाटक कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष सतीश लक्ष्मणराव जारकीहोली ने एक विवादित टिप्पणियां की थी। जारकीहोली ने कहा कि हिंदू शब्द का भारत से कोई लेना देना नहीं है, यह फारसी शब्द है। उन्होंने कहा कि फारसी में हिंदू शब्द का मतलब अश्लील होता है। लोग इस शब्द को कैसे स्वीकार कर सकते हैं जब इसका भारत से कोई संबंध नहीं है। पूर्व वन मंत्री सतीश लक्ष्मणराव जारकीहोली ने सवाल किया कि हिंदू शब्द की उत्पत्ति कहां से हुई? क्या यह हमारा है? फिर उन्होंने इसका जवाब भी दिया। उन्होंने कहा कि हिंदू शब्द एक फारसी शब्द है। इसका ताल्लुक ईरान, इराक, उज्बेकिस्तान, कजाकिस्तान क्षेत्र से है। फिर पूछा कि हिंदू शब्द का भारत से क्या संबंध है? जब इस शब्द का भारत से कोई संबंध नहीं तो फिर आप इसे कैसे स्वीकार कर सकते हैं? उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर बहस होनी चाहिए। इस खबर को पूरी पढ़िए...