सार
कर्नाटक के स्कूलों में हिजाब पर बैन करने के मामले में कर्नाटक हाईकोर्ट आज फिर दोपहर बाद सुनवाई करेगा। यह मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। इसे देखते हुए कर्नाटक सरकार ने तीन दिनों के लिए स्कूल बंद कर दिए हैं। इधर, जगह-जगह इसके पक्ष और विपक्ष में प्रदर्शन हो रहे हैं।
बेंगलुरु. कर्नाटक के स्कूलों में हिजाब पर बैन करने के मामले में कर्नाटक हाईकोर्ट आज फिर दोपहर बाद सुनवाई करेगा। यह मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। इसे देखते हुए कर्नाटक सरकार ने तीन दिनों के लिए स्कूल बंद कर दिए हैं। इधर, जगह-जगह इसके पक्ष और विपक्ष में प्रदर्शन हो रहे हैं।
8 फरवरी को हाईकोर्ट ने कहा था
हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया वो भावनाओं से नहीं, कानून के हिसाब से चलेगा। हाई कोर्ट के जज कृष्णा दीक्षित ने मामले की सुनवाई शुरू की। लेकिन याचिकाकर्ता ने मामले की सुनवाई को स्थगित करने की मांग कर दी। उसने तर्क दिया कि इसी संबंध में एक और याचिका दायर की गई है। इसलिए जब तक सभी दस्तावेज न जाएं, सुनवाई रोक दी जाए। इस पर जज ने कहा कि इस मामले में जो भी फैसला आएगा, वो इससे जुड़े दूसरे मामलों पर भी लागू होगा। बेंच ने सुनवाई से पहले कुरान की एक प्रति मांगी। जस्टिस दीक्षित ने पूछा कि यह कुरान की प्रामाणिक प्रति है, इस पर तो कोई विवाद नहीं है? कुरान की कॉपी बैंगलोर के शांतिप्रकाश पब्लिशर्स ने प्रकाशित की है। एडवोकेट जनरल ने कहा कि कुरान के कई अनुवाद हैं।
मध्य प्रदेश सरकार ने भी कहा बैन होगा हिजाब
कर्नाटक के बाद मध्य प्रदेश के स्कूलों में भी हिजाब पर बैन लगाने की तैयारी होने लगी है। मध्य प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार (MP School Education Minister Inder Singh Parmar) ने एक बयान दिया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में हिजाब को पूरी तरह से बैन किया जाएगा। सरकार अनुशासन को प्राथमिकता देगी। सभी स्कूल में ड्रेस कोड लागू किया जाएगा। स्कूल शिक्षा विभाग इस पर काम कर रहा है।आगामी सत्र के लिए जल्द विभाग गाइडलाइन जारी करेगा। अगले साल से ड्रेस कोड लागू किया जा सकता है।
नोबेल विजेता मलाला युसुफजई ने कसा तंज
कर्नाटक हिजाब विवाद (Karnataka Hijab issue) पर नोबेल पुरस्कार विजेता मलाला युसुफजई (Malala Yousafzai) ने तंज कसा है। एक्टिविस्ट मलाला ने ट्वीट किया कि लड़कियों को उनके हिजाब में स्कूल जाने से मना करना भयावह है। मलाला युसुफजई ने ट्वीट किया, "कॉलेज लड़कियों को पढ़ाई और हिजाब में चुनाव करने का दबाव बना रहा है। लड़कियों को उनके हिजाब में स्कूल जाने से मना करना भयावह है। महिलाओं के कम या ज्यादा पहनने का जबरिया ऑब्जेक्शन जारी है। भारतीय महिलाओं को हाशिए पर भेजे जाने की कवायद पर भारतीय नेताओं को रोका जाना चाहिए।