सार

कर्नाटक के मांड्या के इस मामले पर मंगलवार से लेकर आज तक सोशल मीडिया पर तमाम टिप्पणियां आ रही हैं। AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi ) ने इस लड़की के पक्ष में कई ट्वीट किए हैं तो यूसुफजई मलाला ने हिजाब पर कहा कि लड़कियों को हिजाब में स्कूल आने से रोकना भयावह है।

बेंगलुरू। कर्नाटक के एक कॉलेज (Karnataka College) का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल है। यहां जहां मुस्‍कान नाम की लड़की हिजाब पहने कॉलेज में आती है। उसके सामने भगवा गमछा पहने लड़कों की भीड़ बढ़ती है। ये लड़के 'जय श्री राम' के नारे लगा रहे हैं तो लड़की भी 'अल्‍लाहू अकबर' के नारे लगाकर जवाब देती है। 

कर्नाटक के मांड्या के इस मामले पर सोशल मीडिया पर तमाम टिप्पणियां आ रही हैं। AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi ) ने इस लड़की के पक्ष में ट्वीट किए हैं तो यूसुफजई मलाला ने हिजाब पर कहा कि लड़कियों को हिजाब में स्कूल आने से रोकना भयावह है। हालांकि, सोशल मीडिया पर लोग इसे चुनावों के लिए तैयार किया गया प्लाट बता रहे हैं। कुछ लोगों का कहना है कि जब दूसरों के लिए ड्रेस कोड है तो मुस्लिमों के लिए क्यों नहीं, क्या इनका धर्म सबसे ऊपर है?

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अल्लाहू अकबर की जगह जय हिंद बोलती तो बेहतर होता 
बुधवार को कई फेसबुक पोस्ट में इस लड़की के साहस की तारीफ की गई। हालांकि, कुछ लोगों ने जय श्री राम के नारों के बीच उसके अल्लाहू अकबर बोलने पर आपत्ति जताई। एक यूजर ने कहा कि यदि वह लड़की जय श्री राम के नारे के सामने जय हिंद बोलती तो ज्यादा बेहतर होता। अल्लाहू अकबर बोलकर उसने उन लोगों का समर्थन कर दिया जो हिंदू-मुस्लिम विवाद बढ़ाना चाहते हैं। 

एक अन्य यूजर ने लड़की के इंटरव्यू पर कमेंट करते हुए लिखा - जब इन्हें कॉलेज के नियम पता थे तो इन्होंने उसका पालन क्यों नहीं किया? उसने ऐसा इसलिए क्योंकि यह सब चुनावों से पहले मुद्दा बनाने के लिए तैयार किया गया था। सरकार की यह जिम्मेदारी है कि इस मामले की पूरी जांच की जानी चाहिए। 

एक अन्य यूजर ने कहा- इनसे पूछा जाना चाहिए कि जब दूसरों के लिए ड्रेस कोड है तो इनके लिए क्यों नहीं। प्रिंसिपल के मना करने के बाद भी लड़की ने हिजाब पहना। वह क्या संदेश देना चाहती है। क्या इनके लिए धर्म शिक्षा से ऊपर है।  

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विवाद के बीच असाइनमेंट के लिए पहुंची थी कॉलेज
एक न्यूज चैनल से हुई बातचीत में इस लड़की मुस्‍कान ने बताया- मैं कॉलेज असाइनमेंट के लिए आई थी। वे मुझे अंदर नहीं जाने दे रहे, क्‍योंकि मैंने बुर्का पहना था। जब मैंने अंदर जाने की कोशिश की तो उन्होंने जय श्री राम के नारे लगाने शुरू कर दिए। जो लोग नारे लगा रहे थे उनमें से कई कॉलेज के थे तो कई बाहर से भी थे। मुस्कान के मुताबिक लड़कों के नारे लगाने पर मैंने भी अल्लाह हु अबकर के नारे लगाए। उन्होंने अपने प्रिंसिपल और कॉलेज के शिक्षकों का आभार जताया, जिन्होंने उनकी मदद की। 

ओवैसी ने कहा- मुस्लिम लड़कियों ने हिंदुत्ववाद के खिलाफ साहस दिखाया
ओवैसी ने इस मामले को लेकर कहा कि कर्नाटक की मुस्लिम लड़कियों ने हिंदुत्‍ववादी भीड़ के खिलाफ साहस दिखाया है। उन्होंने अपने संवैधानिक अधिकारों को सही तरीके से दिखाया। ओवैसी ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार की मिलीभगत से इस तरह की घटना सामने आई है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी को इस मामले पर बोलना चाहिए, लेकिन इस स्थिति पर उनका मौन क्या कहता है। क्‍या यही उनका 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' है।

तिरंगा नहीं हटाया, बांस में भगवा लगाया था
कर्नाटक के मांड्या में मंगलवार को कॉलेज में तिरंगा हटाकर भगवा झंडा लगाने का मामला भी खूब चर्चा में रहा। जो वीडियो सामने आया था उसमें दिख रहा था कि भगवा ध्वज लगाया गया है। शिवमोगा जिले के एसपी ने कहा कि जिस जगह भगवा ध्वज लगाया गया वहां पर कोई राष्ट्रीय ध्वज नहीं था। बांस के शीर्ष पर सिर्फ भगवा झंडा फहराया गया था, जिसे उन्होंने स्वयं हटा लिया था। यह राष्ट्रीय ध्वज हटाने का मामला नहीं है।