सार
Covid 19 के चलते मार्च, 2020 से बंद पाकिस्तान स्थित करतारपुर स्थित गुरुद्वारा आज यानी 17 नवंबर से फिर ओपन हो गया। करतारपुर साहिब कॉरिडोर(Kartarpur Sahib Corridor) खोले जाने को लेकर सिख समुदाय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से गुजारिश की थी।
नई दिल्ली. 19 नवंबर को श्री गुरुनानक देवजी का प्रकाश उत्सव मनाया जाएगा। इससे पहले यानी आज से(17 नवंबर) केंद्र सरकार ने पाकिस्तान स्थित करतारपुर साहिब कॉरिडोर(Kartarpur Sahib Corridor) खोल दिया है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने 16 नवंबर को tweet करके इसकी जानकारी दी थी। कॉरिडोर Corona महामारी के चलते पिछले साल मार्च से बंद था। करतारपुर साहिब काॅरिडोर खोले जाने को लेकर पंजाब के मुख्यमंत्री सहित सिख समुदाय के एक प्रतिनिधिमंडल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) से भी मुलाकात की थी। इसके बाद सरकार ने यह फैसला लिया।
बुधवार को पहला जत्था दर्शन करेगा
करतारपुर गुरुद्वारे में 17 नवंबर को तीर्थयात्रियों का पहला जत्था पहुंचेगा। यात्रा के लिए RT-PCR रिपोर्ट और वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट अनिवार्य रहेगा। हालांकि गुरुद्वारे पर RT-PCR करना ज़रूरी नहीं होगा। कोरोना के लक्षण मिलने पर यात्रियों को आइसोलेट (isolate) किया जाएगा। सभी लोगों का टेम्परेचर चेक किया जाएगा। सभी के लिए मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना अनिवार्य होगा। गुरुद्वारा परिसर में सैनिटाइजेशन (Sanitization) टनल लगाई गई।
अमित शाह ने tweet किया था
अमित शाह ने tweet किया था-देश 19 नवंबर को श्री गुरु नानक देवजी का प्रकाश उत्सव मनाने के लिए पूरी तरह तैयार है और मुझे विश्वास है कि करतारपुर साहिब कॉरिडोर को फिर से खोलने के सरकार के फैसले से पूरे देश में उत्साह और खुशी को बढ़ावा मिलेगा। इस फैसले से बड़ी संख्या में सिख तीर्थयात्रियों को फायदा होगा। मोदी सरकार ने कल 17 नवंबर से करतारपुर साहिब कॉरिडोर को फिर से खोलने का फैसला किया है। यह निर्णय श्री गुरु नानक देव जी और हमारे सिख समुदाय के प्रति मोदी सरकार की अपार श्रद्धा को दर्शाता है।
क्यों सिख अनुयायी करते हैं इस तीर्थ की यात्रा?
गांव करतारपुर रावी नदी के पश्चिमी तट पर स्थित है। यहां श्री गुरु नानक देव ने अपने जीवन के अंतिम 18 वर्ष बिताए थे। गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहिब पाकिस्तान के नरोवाल जिले में लगभग 4.5 किमी दूर पड़ता है। करतारपुर साहिब गुरुद्वारा मूल रूप से गुरुद्वारा दरबार साहिब के नाम से जाना जाता है। यह सिखों का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। इसी गुरुद्वारे की जगह पर गुरु नानक देव जी ने अपनी देह 22 सितंबर 1539 को छोड़ी थी। करतारपुर पाकिस्तान के नारोवाल जिले में पंजाब प्रांत में आता है। यह जगह लाहौर से 120 किलोमीटर दूर है।
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