सार

विश्वविद्यालयों में नियुक्ति सहित कई मुद्दों पर वामपंथी सरकार के साथ विवादों में रहे राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि सरकार ने तय कर लिया है कि लॉटरी और शराब हमारे विकास के लिए पर्याप्त है। 100 प्रतिशत साक्षरता वाले राज्य के लिए कितनी शर्मनाक स्थिति है।

Kerala Capital of Drugs: केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने राज्य में नशा के कारोबार को लेकर बड़ा बयान दे डाला है। खान ने कहा कि केरल ने पंजाब को भी ड्रग के मामले में पीछे छोड़ दिया है। केरल अब पंजाब को रिप्लेस कर ड्रग्स की राजधानी बन चुका है। उन्होंने कहा कि उनको शर्म आती है कि इस दक्षिण राज्य में रेवेन्यू का सबसे बड़ा स्रोत लॉटरी और शराब है। राज्यपाल एक पुस्तक विमोचन कार्यक्रम के उद्घाटन समारोह में बोल रहे थे।र उन्होंने राज्य सरकार द्वारा शराब बिक्री को बढ़ावा देने की नीति की जमकर आलोचना की है।

सरकार गरीबों को बर्बाद कर रही, लॉटरी से लूट रही जनता

आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि एक तरह उन्होंने शराब सेवन के खिलाफ अभियान चलाया है, वहीं दूसरी ओर राज्य सरकार इसके उपयोग को प्रोत्साहित कर रही है। विश्वविद्यालयों में नियुक्ति सहित कई मुद्दों पर वामपंथी सरकार के साथ विवादों में रहे राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि सरकार ने तय कर लिया है कि लॉटरी और शराब हमारे विकास के लिए पर्याप्त है। 100 प्रतिशत साक्षरता वाले राज्य के लिए कितनी शर्मनाक स्थिति है। राज्य के मुखिया के रूप में, मुझे शर्म आती है कि मेरे राजस्व के दो मुख्य स्रोत हैं राज्य लॉटरी और शराब हैं। लॉटरी क्या है? क्या यहां बैठे आप में से किसी ने कभी लॉटरी टिकट खरीदा है। केवल बहुत गरीब लोग लॉटरी टिकट खरीदते हैं। आप उन्हें लूट रहे हैं। आप अपने लोगों को शराब का आदी बना रहे हैं।

सितंबर में भी राज्यपाल ने पिनाराई सरकार पर साधा था निशाना

शनिवार को खान ने केरल के विभिन्न विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति का मुद्दा भी उठाया और कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि कुलपतियों की नियुक्ति राज्यपाल की जिम्मेदारी है। इसमें राज्य सरकार की कोई भूमिका नहीं है। अगर सरकार कोई कानून पारित करती है तो वह विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के नियमों के प्रावधानों के अनुसार होना चाहिए। आरिफ मोहम्मद खान ने केरल के मंत्रियों पर भी हमला किया जिन्होंने उनके अधिकार पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि राज्य के एक मंत्री ने पूछा था कि क्या उत्तर प्रदेश का कोई राज्यपाल केरल की शिक्षा प्रणाली को समझ सकता है।

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