सार
मुख्य आरोपी अभी भी फरार है। जस्टिस अनिल के भास्कर की बेंच ने फैसला सुनाया। उधर, पीड़ित प्रोफेसर ने कहा कि सजा पाने वालों के प्रति मेरी कोई दुर्भावना नहीं है। वह तो केवल मोहरा थे, असल गुनाहगार अभी भी बाहर।
Kerala Professor attacked: न्यूमैन कॉलेज के प्रोफेसर टीजे जोसेफ के हाथ काटने के मामले मं तीन आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। एनआईए कोर्ट ने बुधवार को छह लोगों को सजा सुनाई। तीन आरोपियों को उम्रकैद तो तीन लोगों को तीन-तीन साल की सजा दी। मुख्य आरोपी अभी भी फरार है। जस्टिस अनिल के भास्कर की बेंच ने फैसला सुनाया। उधर, पीड़ित प्रोफेसर ने कहा कि सजा पाने वालों के प्रति मेरी कोई दुर्भावना नहीं है। वह तो केवल मोहरा थे, असल गुनाहगार अभी भी बाहर। उनके खिलाफ उनकी लड़ाई बिना डरे जारी रहेगी।
किसको मिली उम्रकैद की सजा, किसको तीन साल की सजा
जस्टिस अनिल के.भाष्कर की बेंच ने आरोपी साजिल, नसर, नजीब को उम्रकैद की सजा सुनाई। जबकि नौशाद, पीपी मोइीन कुन्हू, अयूब को तीन-तीन साल की सजा सुनाई। इन तीनों पर दोषियों को शरण देने का आरोप है। दोषियों को चार-चार लाख रुपये जुर्माना भी अदा करना होगा जिसे पीड़ित को देना होगा।
कोर्ट ने हमले को आंतकी वारदात करार दिया
एनआईए कोर्ट ने प्रोफेसर पर किए गए इस हमले को आतंकी वारदात करार दिया है। कोर्ट ने कहा किा यह देश के सेकुलर ताने-बाने को चुनौती है। कोर्ट ने कहा कि साजिल ने हमले में हिस्सा लिया था। नसर मुख्य साजिशकर्ता था और नजीब ने आतंकी वारदात की योजना बनाई थी। हालांकि, नजीब इसमें हिस्सा नहीं लिया। कोर्ट ने 11 में से पांच आरोपियों को बरी कर दिया था।
अब जानिए प्रोफेसर पर हुए हमले के बारे में विस्तार से?
इडुक्की जिले के थोडुपुझा के न्यूमैन कॉलेज में प्रोफेसर टीजे जोसेफ, कॉमर्स के शिक्षक थे। उन्होंने बीकॉम सेमेस्टर परीक्षा के लिए क्वेश्चन पेपर बनाया था। आरोप लगा कि प्रोफेसर ने पेपर में कथित तौर पर एक धर्म विशेष के खिलाफ कमेंट किए थे। इसके बाद से प्रोफेसर को मारने के लिए फतवा जारी किया गया था।
एर्नाकुलम जिले के मुवत्तुपुझा में बीते 4 जुलाई 2010 को प्रोफेसर टीजे जोसेफ अपने परिवार के साथ चर्च से घर लौट रहे थे। कथित तौर पर पीएफआई के सात लोगों ने गाड़ी रोक दी। आरोपियों ने प्रोफेसर को गाड़ी से खींचकर बाहर निकाला। इन लोगों ने प्रोफेसर को मारापीटा। आरोपी सवाद ने किसी धारदार हथियार से प्रोफेसर के दाहिने हाथ का पंजा काट दिया। मारपीट के बाद आरोपी फरार हो गए। प्रोफेसर को गंभीर अवस्था में अस्पताल पहुंचाया गया। यहां डॉक्टर्स ने सर्जरी कर प्रोफेसर के पंजा को जोड़ दिया था। हमले के दो महीने बाद जोसेफ की नौकरी चली गई। उनकी पत्नी ने 2014 में सुसाइड कर लिया था। पत्नी की मौत के कुछ दिन बाद ही जोसेफ को कॉलेज ने फिर नौकरी पर रख लिया। चंद दिनों बाद ही 31 मार्च 2014 को वे रिटायर हो गए।
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