सार

कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों की तरफ से बुलाए भारत बंद के बाद विपक्ष राष्ट्रपति का दरवाजा खटखटाएगा। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, एनसीपी प्रमुख शरद पवार और सीपीएम नेता सीताराम येचुरी इस प्रतिनिधिमंडल में शामिल होंगे।

नई दिल्ली. कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों की तरफ से बुलाए भारत बंद के बाद विपक्ष राष्ट्रपति का दरवाजा खटखटाएगा। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, एनसीपी प्रमुख शरद पवार और सीपीएम नेता सीताराम येचुरी इस प्रतिनिधिमंडल में शामिल होंगे। विपक्षी नेताओं की राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात बुधवार यानी आज शाम पांच बजे होगी। मुलाकात के पहले विपक्षी नेताओं की बैठक हो सकती है।

सीपीएम नेता सीताराम येचुरी ने कल बताया कि विपक्षी नेता बुधवार शाम को पांच बजे राष्ट्रपति से मुलाकात करेंगे। कोरोना प्रोटोकॉल की वजह से सिर्फ पांच नेताओं को राष्ट्रपति से मुलाकात की इजाजत दी गई है। इससे पहले एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा था कि राष्ट्रपति से मुलाकात से पहले विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता तीनों कृषि कानूनों पर चर्चा कर सामूहिक रुख अपनाएंगे।

बैठक में शामिल होने वाली सभी पार्टियां कर चुकी हैं भारत बंद का समर्थन 
कृषि कानूनों के मुद्दे पर राष्ट्रपति से मुलाकात करने वाले प्रतिनिधिमंडल में शामिल सभी पार्टियां भारत बंद का समर्थन कर चुकी हैं। दरअसल, भाजपा ने एनसीपी प्रमुख शरद पवार पर निशाना साधते हुए कहा था कि यूपीए सरकार में कृषि मंत्री के तौर पर शरद पवार ने राज्यों को एपीएमसी कानून में संशोधन करने को कहा था। पवार ने राज्यों को आगाह किया था कि अगर सुधार नहीं किए गए, तो केंद्र की तरफ से वित्तीय सहायता नहीं दी जाएगी। लेकिन अब पवार खुद विरोध कर रहे हैं।

केंद्र सरकार किसानों को आज लिखित प्रस्ताव देगी
कृषि सुधार कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसानों से छठे दौर की वार्ता से ठीक एक दिन पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पिछले 12 दिनों से चले आ रहे गतिरोध को समाप्त करने के प्रयास के तहत मंगलवार को किसान नेताओं के एक समूह से मुलाकात की। हालांकि बैठक के बाद भी गतिरोध टूटने के संकेत नही मिले हैं। वहीं बुधवार को होने वाली बातचीत भी टल गई है। देर रात तक चली बैठक के बाद किसान नेता हन्नान मोल्लाह ने बाहर निकलकर कहा, सरकार बिल वापस लेने को तैयार नहीं है। सरकार एपीएमसी एक्ट सहित अन्य मुद्दों पर किसानों को एक लिखित प्रस्ताव बुधवार को देगी। गृहमंत्री ने कहा, किसान इस प्रस्ताव पर विचार करें, फिर बैठक होगी। हन्नान मोल्लाह ने कहा सरकार से अब बुधवार को वार्ता नहीं होगी।