सार
टेन के सम्राट चार्ल्स के राजतिलक समारोह शुरू हो चुका है। ये आयोजन लंदन के ऐतिहासिक शाही गिरजाघर वेस्टमिंस्टर एब्बे में हो रहा है
लंदन: ब्रिटेन के सम्राट चार्ल्स के राजतिलक समारोह शुरू हो चुका है। ये आयोजन लंदन के ऐतिहासिक शाही गिरजाघर वेस्टमिंस्टर एब्बे में हो रहा है। समारोह के दौरान सम्राट चार्ल्स और उनकी पत्नी महारानी कैमिला की ताजपोशी की जाएगी। ब्रिटेन में सम्राट की ताजपोशी की प्रक्रिया पिछले लगभग एक हजार साल से कम-ओ-बेश एक जैसी ही रही है। ब्रिटेन के सम्राट का राज्याभिषेक, यूरोप में अब ऐसा इकलौता समारोह है, जो अभी तक जारी है।
इस बार सम्राट चार्ल्स और महारानी कैमिला घोड़े से चलने वाली एक आधुनिक बग्घी में बैठकर वेस्टमिंस्टर एब्बे जाएंगे। इस बग्घी में बिजली से चलने वाली खिड़कियां और एयर कंडीशन की सुविधा होगी। वे डायमंड जुबली स्टेट कोच में बैठकर जाएंगे। ताजपोशी के बाद सम्राट चार्ल्स और महारानी कैमिला, गोल्ड स्टेट कोच में बैठकर राजमहल वापस आएंगे। ये बग्घी 1830 के बाद से हर राज्याभिषेक में इस्तेमाल होती रही है।
ताजपोशी की प्रक्रिया में क्या-क्या होता है?
राज्याभिषेक के कार्यक्रम में सैन्य बलों के छह हजार से ज़्यादा सैनिक हिस्सा लेंगे, जो पिछले 70 बरस में होने वाला सबसे बड़ा सैन्य समारोह का अभियान होगा.लंदन में निकलने वाले शाही जुलूस में ब्रिटेन और कॉमनवेल्थ के सदस्यों के फौजी भी शामिल होंगे।बता दें कि ताजपोशी की प्रक्रिया मान्यता देना, शपथ लेना,राजतिलक,अभिषेक का संस्कार, सिंहासन पर विराजना और निष्ठा प्रकट करना शामिल हैं।
मान्यता देना
सम्राट ताजपोशी में इस्तेमाल होने वाली 700 साल पुरानी कुर्सी के बगल में खड़े होते हैं। कैंटरबरी के आर्कबिशप उन्हें वेस्टमिंस्टर एबे में मौजूद लोगों के सामने प्रस्तुत करते हैं। वहां जमा भीड़ बुलंद आवाज़ में नारा लगाती है, 'ईश्वर सम्राट की रक्षा करें' इसके बाद तुरही बजाई जाती है.
शपथ लेना
इसके बाद सम्राट कानून और चर्च ऑफ़ इंग्लैंड को क़ायम रखने की शपथ लेते हैं।
राजतिलक
राजतिलक के लिए सम्राट राजतिलक वाली कुर्सी में बैठ जाते हैं और फिर कुर्सी के चारों तरफ सुनहरे कपड़े का घेरा बनाया जाता है, जिससे सम्राट लोगों को दिखाई न दे सकें। इस दौरान कैंटरबरी के आर्कबिशप सम्राट के हाथों, सीने और सिर पर पवित्र तेल से अभिषेक करते हैं।
अभिषेक का संस्कार
इसके बाद सम्राट को शाही गोला प्रस्तुत किया जाता है, जो धार्मिक और नैतिक अधिकारों का प्रतीक होता है। सम्राट को एक राजदंड भी दिया जाता है, जो उनकी शक्ति का प्रतीक होता है। आखिर में कैंटरबरी के आर्कबिशप, सम्राट के सिर पर संत एडवर्ड का ताज रखते हैं।
सिंहासन पर विराजना और निष्ठा प्रकट करना
इसके बाद सम्राट ताजपोशी की कुर्सी से उठकर सिंहासन पर बैठते हैं और समकक्ष लोग उनके सामने झुककर कोर्निश बजाते हुए सम्राट के प्रति अपनी निष्ठा प्रकट करते हैं।