सार
कोलकाता के सरकारी अस्पताल में ड्यूटी के दौरान महिला डॉक्टर की हत्या के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की। कोर्ट ने कहा कि देश जमीन पर स्थिति में बदलाव के लिए एक और रेप का इंतजार नहीं कर सकता।
नई दिल्ली। कोलकाता में 8-9 अगस्त की दरम्यानी रात आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में ड्यूटी कर रही महिला डॉक्टर की हत्या (Kolkata Doctor Murder Case) की गई। मंगलवार को इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार और राज्य पुलिस को जमकर फटकार लगाई। कहा कि देश जमीन पर असल स्थिति बदलने के लिए एक और रेप का इंतजार नहीं कर सकता।
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने मामले की सुनवाई की। बेंच ने देर से FIR दर्ज करने के लिए पश्चिम बंगाल सरकार और अस्पताल के खिलाफ कड़ी नाराजगी व्यक्त की।
कोलकाता डॉक्टर हत्याकांड में सुप्रीम कोर्ट ने कही ये कड़ी बातें
- सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा, "मेडिकल प्रोफेशन हिंसा के प्रति संवेदनशील हो गए हैं। महिला डॉक्टरों को अधिक निशाना बनाया जाता है। जैसे-जैसे अधिक से अधिक महिलाएं इस क्षेत्र में आ रहीं हैं चुनौती भी बढ़ गई है। देश जमीनी स्तर पर बदलाव के लिए एक और रेप की घटना का इंतजार नहीं कर सकता।"
- अस्पताल और कोलकाता पुलिस पर सवाल उठाते हुए CJI ने पूछा, “अंतिम संस्कार के लिए शव दिए जाने के तीन घंटे बाद क्यों FIR दर्ज हुआ? प्रिंसिपल क्या कर रहे थे? FIR दर्ज नहीं की गई, शव माता-पिता को देर से सौंपा गया। पुलिस क्या कर रही है? एक गंभीर अपराध हुआ है, अपराध स्थल अस्पताल में है... वे क्या कर रहे हैं? उपद्रवियों को अस्पताल में घुसने की इजाजत दे रहे हैं?”
- सुप्रीम कोर्ट ने डॉक्टर हत्याकांड को लेकर NTF (National Task Force) का गठन किया। कोर्ट ने कहा "हम इसकी (डॉक्टरों की सुरक्षा की) जिम्मेदारी लेते हैं।"
- CJI ने कहा, "हम चाहते हैं कि CBI एक स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करे, जांच की स्थिति से अवगत कराए। हम एक नेशनल टास्क फोर्स का गठन कर रहे हैं। चाहते हैं कि वे सीनियर और जूनियर डॉक्टरों के लिए सुरक्षा उपायों के लिए देश भर में अपनाए जाने वाले तौर-तरीकों पर सिफारिशें दें।"
- टास्क फोर्स में सर्जन एडमिरल आरके सरियन, एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ नेशनल गैस्ट्रोलॉजी के MD डॉ डी नागेश्वर रेड्डी, एम्स दिल्ली के निदेशक डॉ एम श्रीवास, NIMHANS बेंगलुरु की डॉ प्रतिमा मूर्ति, एम्स जोधपुर के डॉ गोवर्धन दत्त पुरी, गंगाराम अस्पताल के डॉ सोमिकरा रावत, प्रोफेसर अनीता सक्सेना, जेजे ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स की पल्लवी सैपले और पारस अस्पताल गुड़गांव की चेयरपर्सन (न्यूरोलॉजी) पद्मा श्रीवास्तव शामिल होंगे।
- सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बंगाल सरकार शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर राज्य की शक्ति का दुरुपयोग न होने दे।
- "हम एक डॉक्टर के मामले से निपट रहे हैं। उसके साथ एक यौन विकृत जानवर जैसे व्यक्ति ने रेप किया। हमें इसे राजनीतिक मुद्दा नहीं बनाना चाहिए। बंगाल सरकार इनकार करने की मुद्रा में न रहे।"
- आरजी कर अस्पताल के प्रिंसिपल पद से इस्तीफा देने के बाद डॉ. संदीप घोष को कलकत्ता मेडिकल कॉलेज का प्रिंसिपल नियुक्त किया गया था। इसपर CJI ने पूछा, “जब प्रिंसिपल का आचरण जांच के दायरे में है तो उन्हें तुरंत दूसरे कॉलेज का प्रिंसिपल कैसे नियुक्त किया गया?”
- पीड़िता का नाम, शव की तस्वीरें और वीडियो मीडिया में आने पर CJI ने कहा, "यह बेहद चिंताजनक है।"
- 14 अगस्त को आधी रात को विरोध प्रदर्शन के दौरान अस्पताल में तोड़फोड़ पर सीजेआई ने पूछा, "अस्पताल पर भीड़ ने हमला किया। पुलिस क्या कर रही थी? पुलिस को सबसे पहले घटना स्थल सुरक्षित करना चाहिए।"
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- सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को गुरुवार (22 अगस्त) तक जांच की स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है। बंगाल सरकार को तोड़फोड़ की घटना की जांच की स्थिति रिपोर्ट पेश करने को कहा। मामले की अगली सुनवाई 22 अगस्त को होगी।
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