सार

आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में तोड़फोड़ और हिंसा मामले में पुलिस ने कार्रवाई की है। ट्रेनी डॉक्टर रेप और मर्डर के विरोध में विरोध प्रदर्शन के दौरान कुछ बाहरी लोगों पर तोड़फोड़ और हिंसा काआरोप है।

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 9 अगस्त को एक जूनियर डॉक्टर के साथ हुए रेप और मर्डर के बाद बुधवार की रात पश्चिम बंगाल के विभिन्न शहरों में महिलाएं सड़क पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया। 'रिक्लेम द नाइट' अभियान के तहत हुए इस विरोध प्रदर्शन के एक साथ प्रदेश और देश के विभिन्न शहरों में आयोजित किए जाने के बाद एक नाम चर्चा में है-रिमझिम सिन्हा। आंदोलन को छोटे शहरों से लेकर बड़े शहरों तक हुए इस आंदोलन का श्रेय समाजिक कार्यकर्ता सिन्हा को ही जाता है।

रिमझिम सिन्हा कौन हैं?

कोलकाता के प्रेसीडेंसी विश्वविद्यालय की ग्रेजुएट और सोशल रिसर्चर रिमझिम सिन्हा ने 'रिक्लेम द नाइट' आंदोलन की शुरुआत की। एक लाल हाथ में अर्धचंद्राकार चांद लिए हुए एक पोस्टर वायरल हो रहा है। इस पोस्टर को दिखाते हुए रिमझिम सिन्हा ने महिलाओं के लिए एक नए स्वतंत्रता संग्राम का आह्वान किया है।

2020 में समाजशास्त्र की डिग्री हासिल करने वाली सिन्हा ने ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुए रेप और मर्डर पर दु:ख और गुस्सा जताते हुए आजादी दिवस की पूर्व संध्या पर रिक्लेम द नाइट अभियान में शामिल होने की अपील महिलाओं से की थी। उन्होंने अपने फेसबुक पोस्ट पर राज्य और देश की महिलाओं से इस घटना का विरोध दर्ज कराने के लिए स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर बाहर निकलने और रात बाहर बिताने के अपने फैसले को साझा किया था। 

सिन्हा ने कथित तौर पर कहा कि वह मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्राचार्य संदीप घोष द्वारा की गई एक टिप्पणी से विशेष रूप से नाराज थीं, जिन्होंने कथित तौर पर सवाल किया था कि जूनियर डॉक्टर सेमिनार हॉल में अकेली क्यों गई थी?

रिमझिम ने कहा: पीड़िता पर दोष मढ़ते हुए इस तरह की टिप्पणी स्वीकार नहीं की जा सकती। विरोध में मैंने 14 अगस्त की रात बाहर बिताने का फैसला किया। कोई भी रात पर दावा नहीं कर सकता है… कोई भी हमें यह निर्देशित भी नहीं कर सकता है कि कौन बाहर रहेगा और कौन नहीं?

रिमझिम की अपील पर हजारों महिलाएं सड़कों पर उतरीं…

रिमझिम सिन्हा ने फेसबुक पोस्ट पर खुद स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर बाहर रहकर विरोध जताने की जानकारी दी और अन्य महिलाओं से भी अपील की। उनको उम्मीद से अधिक प्रतिक्रिया और समर्थन मिला। उनका मैसेज पोस्ट तेजी से वायरल हुआ और हजारों की संख्या में महिलाएं सड़कों पर विरोध प्रदर्शन के लिए रात को निकल पड़ी।

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