सार

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में रेजीडेंट डॉक्टर के साथ रेप और हत्या के मामले में पूर्व प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष पर गंभीर आरोप लगे हैं। मेडिकल कॉलेज के पूर्व डिप्टी सुप्रीटेंडेंट अख्तर अली ने घोष पर आपराधिक गतिविधियों में लिप्त होने का आरोप लगाया।

नेशनल न्यूज। कोलकाता में 8-9 अगस्त की रात आरजी कर मेडिकल कॉलेज के अस्पताल में रेजीडेंट डॉक्टर के साथ रेप और हत्या की घटना के बाद से साथी चिकित्सक हड़ताल पर चले गए हैं। मामले की जांच सीबीआई कर रही है। मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष से टीम पूछताछ कर रही है। इस बीच मेडिकल कॉलेज के पूर्व डिप्टी सुप्रीटेंडेंट अख्तर अली ने घोष के बारे में कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। उन्होंने पूर्व प्रिंसिपल पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। ये खुलासे घोष के अपने कार्यकाल के दौरान भ्रष्टाचार और अन्य आपराधिक गतिविधियों में शामिल होने की कहानी बयां करता है। 

लावारिस शव का अनाधिकृत प्रयोग करता था घोष
अख्तर अली के मुताबिक घोष की नियुक्ति 2021 में मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल के रूप में हुई थी। वह लावारिस शवों के अनाधिकृत प्रयोग करने में शामिल था। वह लावारिस मरीजों के अंगों या शवों बेचने जैसे गंभीर अपराध में भी शामिल था। 

बायोमेडिकल कचरा घोटाले का भी आरोप
डॉ. अख्तर का दावा है कि घोष ने अस्पताल के नाम पर कई भ्रष्टाचार किए हैं। उन्होंने कहा, अस्पताल में बायोमेडिकल कचरा के निस्तारण के लिए जिसमें रबर के दस्ताने, बोतलें, सीरिंज और सुइयों सहित अपशिष्ट शामिल है, जिसे घोष ने अनधिकृत संस्थाओं को बेच दिया था। रोजाना अस्पताल से 500 से 600 किलोग्राम कचरा वह अवैधानिक संस्थाओं को बेच देते थे। ऐसा करना जैव-चिकित्सा अपशिष्ट प्रबंधन नियम, 2016 का उल्लंघन हैं।

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स्टूडेंट्स को पास करने के लिए लेता था पैसे
डॉ. अख्तर ने घोष पर बेहद शर्मनाक आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा, घोष छात्रों और ठेकेदारों से पैसे वसूला करते थे। परीक्षा में पास न होने पर आरोपी प्रिंसिपल ने स्टूडेंट्स को कमीशन लेकर पास करा देता था। असफल छात्रों से पास ग्रेड और पूर्णता प्रमाणपत्र देने के बदले में वह कमीशन लिया करते थे।

गेस्ट हाउस में छात्रों को शराब सप्लाई 
आरोप ये भी है कि टेंडर वाले काम में घोष हॉस्पिटल के हर कार्य के लिए 20 फीसदी कमीशन लेता था। यहां तक की गेस्ट हाउस में छात्रों के लिए शराब की सप्लाई भी कराता था। वह डॉक्टर कम माफिया ज्यादा था। उन्होंने 13 जुलाई, 2023 को राज्य सतर्कता आयोग, भ्रष्टाचार विरोधी ब्यूरो और स्वास्थ्य भवन स्थित राज्य स्वास्थ्य विभाग मुख्यालय को घोष के खिलाफ लिखित शिकायत दी थी, लेकिन कुछ नहीं हुआ। कुछ दिन बाद मेरा ही तबादला कर दिया गया। उसकी पहुंच काफी ऊपर तक थी।