सार

वामपंथी नेता सीताराम येचुरी ने 72 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया है। वह लंबे समय से सांस संबंधी बीमारी से पीड़ित थे। दिल्ली एम्स में उन्हें भर्ती कराया गया था।

नई दिल्ली। सीनियर वामपंथी नेता सीताराम येचुरी (Sitaram Yechury) नहीं रहे। 72 साल की उम्र में गुरुवार दोपहर को सीपीएम महासचिव येचुरी का निधन हो गया। वह लंबे समय से सांस संबंधी बीमारी से पीड़ित थे। उन्हें दिल्ली एम्स (All India Institute of Medical Sciences) में भर्ती कराया गया था।

19 अगस्त को येचुरी को AIIMS के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया था। स्थिति में सुधार नहीं होने पर बाद में उन्हें ICU (Intensive Care Unit) में शिफ्ट किया गया। वह सांस की बीमारी Acute Respiratory Tract Infection से पीड़ित थे। येचुरी ने हाल ही में मोतियाबिंद की सर्जरी करवाई थी।तीन दशक से अधिक समय तक सीपीएम की शीर्ष निर्णय लेने वाली संस्था पोलित ब्यूरो के सदस्य रहे येचुरी 2005 से 2017 तक राज्यसभा के सदस्य रहे।

भारतीय राजनीति का बड़ा चेहरा थे सीताराम येचुरी

सीताराम येचुरी भारत की राजनीति का बड़ा चेहरा थे। उनका जन्म चेन्नई में 12 अगस्त 1952 को हुआ था। येचुरी के राजनीतिक करियर की शुरुआत 1974 में हुई थी। वह स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) में शामिल हुए थे। उन्होंने राजनीति में सफलता की सीढ़ी तेजी से चढ़ी और तीन बार जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष बने। इसके बाद एसएफआई के अखिल भारतीय अध्यक्ष बने।

येचुरी 1984 में वे CPI(M) की केंद्रीय समिति के लिए चुने गए। 1992 तक वे पोलित ब्यूरो के सदस्य बन गए। वह इस पद पर तीन दशकों से अधिक समय तक रहे। येचुरी 2005 से 2017 तक पश्चिम बंगाल से राज्यसभा के सांसद रहे। उन्होंने 2015 में CPI(M) के महासचिव के रूप में प्रकाश करात का स्थान लिया। 2018 और 2022 में दो बार इस पद के लिए फिर से चुने गए।

राहुल गांधी ने सीताराम येचुरी के निधन पर जताया शोक

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सीताराम येचुरी के निधन पर शोक जताया है। उन्होंने कहा कि मैं उनके साथ अपनी लंबी चर्चाओं को याद करूंगा।

 

 

पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने येचुरी के निधन को "राष्ट्रीय राजनीति के लिए क्षति" बताया है।

 

 

यह भी पढ़ें- गणपति पूजा करने CJI के घर गए PM तो मचा बवाल, विपक्ष-BJP के बीच हुई ऐसी तकरार