सार
दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट ने मनीष सिसोदिया की ज्यूडिशियल कस्टडी को 23 मई तक के लिए बढ़ा दी है। शराब घोटाला केस में कोर्ट द्वारा दो आरोपियों को जमानत दी गई थी। इसके बाद आप के नेताओं ने पूरे मामले को ही फर्जी बताना शुरू कर दिया था।
नई दिल्ली। दिल्ली शराब नीति मामले में आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की ज्यूडिशियल कस्टडी को दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट ने 23 मई तक के लिए बढ़ा दी है। शराब घोटाला केस में कोर्ट द्वारा दो आरोपियों को जमानत दी गई थी। इसके बाद आप के नेताओं ने पूरे मामले को ही फर्जी बताना शुरू कर दिया था।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी दो आरोपियों को जमानत मिलने पर मामले को फर्जी बताया था। सोमवार सुबह उन्होंने ट्वीट किया, “पूरा शराब घोटाला झूठा है। हम शुरू से कह रहे थे। अब तो अदालतें भी कहने लगी हैं। आप जैसी ईमानदार पार्टी को बदनाम करने के लिए बीजेपी का यह हताशा भरा कदम है।” अरविंद केजरीवाल द्वारा ट्वीट पोस्ट किए जाने के चंद घंटे बाद कोर्ट ने मनीष सिसोदिया की न्यायिक हिरासत 23 मई बढ़ाने का फैसला सुना दिया।
आप ने की भाजपा से माफी मांगने की मांग
6 मई को राउज एवेन्यू कोर्ट ने शराब घोटाला के दो आरोपियों राजेश जोशी और गौतम मल्होत्रा को जमानत दिया था। कोर्ट ने कहा कि ईडी ने रिश्वत या किकबैक के लिए नकद भुगतान दिखाने वाला सबूत नहीं दिया है। कोर्ट के इस फैसले को लेकर रविवार को आप की नेता और मंत्री आतिशी ने दिल्ली एक्साइज पॉलिसी केस को फर्जी बताया। आतिशी ने मांग किया कि भाजपा झूठे आरोप लगाने के लिए आप से माफी मांगे।
भाजपा की मांग संज्ञान ले हाईकोर्ट
भाजपा ने सोमवार को आरोप लगाया कि आप नेता दिल्ली आबकारी नीति मामले में निचली अदालत के जमानत आदेश को न्यायपालिका को प्रभावित करने और लोगों को गुमराह करने के फैसले के तौर पर पेश कर रहे हैं। इसपर हाईकोर्ट को संज्ञान लेना चाहिए। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा कि आप नेता कोर्ट के छह मई के जमानत आदेश के कुछ हिस्सों का इस्तेमाल कर झूठ फैला रहे हैं। यह अदालत की अवमानना का मामला है। दिल्ली हाईकोर्ट को इसपर संज्ञान लेना चाहिए।
दिल्ली आबकारी नीति मामला क्या है?
दिल्ली आबकारी नीति मामला को दिल्ली शराब घोटाला भी कहा जा रहा है। दिल्ली सरकार ने शराब बेचने के लिए नई आबकारी नीति बनाई थी। इसे 17 नवंबर 2021 को लागू किया गया था। उस वक्त सिसोदिया उपमुख्यमंत्री और आबकारी विभाग के मंत्री थे। नई नीति लागू हुई तो आप सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे। कहा गया कि मनमाने तरीके से अपने करीबी कारोबारियों को शराब बेचेने का लाइसेंस दिया गया और इसके बदले रिश्वत ली गई। सितंबर 2022 के अंत में सरकार ने नई आबकारी नीति रद्द कर पुरानी नीति लागू कर दी थी। इसके बाद दिल्ली के उपराज्यपाल ने सीबीआई को मामले की जांच के लिए पत्र लिखा था। सीबीआई ने FIR दर्ज की और जांच शुरू किया। इस मामले में हुई मनी लॉन्ड्रिंग की जांच ईडी कर रही है।
26 फरवरी को गिरफ्तार हुए थे मनीष सिसोदिया
सीबीआई ने 26 फरवरी को मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार किया था। उन्हें दिल्ली के तिहाड़ जेल में रखा गया। ईडी ने 9 मार्च को सिसोदिया को तिहाड़ जेल से गिरफ्तार किया। वह वर्तमान में न्यायिक हिरासत में हैं। ईडी ने गुरुवार को मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ी एक नई चार्जशीट कोर्ट में पेश की। इसमें सिसोदिया का नाम लिया गया है। ई़डी ने सिसोदिया को 'प्रमुख साजिशकर्ता' बताया है। सीबीआई ने भी अपनी चार्जशीट में सिसोदिया का नाम लिया है।