सार
डीएमके ने कांग्रेस से सीट शेयरिंग के पहले ही 2019 के पार्टनर विदुथलाई चिरुथिगल काची (वीसीके) और वाइको के नेतृत्व वाली एमडीएमके को तीन सीटें दे दी थी।
INDIA alliance TN seat sharing: देश के एक और राज्य में प्रमुख विपक्षी गठबंधन INDIA के दलों में सीट शेयरिंग समझौता फाइनल हो गया। तमिलनाडु में कांग्रेस, डीएमके, वीसीके, एमडीएमके और कमल हासन के नेतृत्व वाली एमएनएम के बीच सीटों का समझौता फाइनल हो गया। दक्षिण राज्य तमिलनाडु में कांग्रेस 9 सीटों पर चुनाव लड़ेगी और पुडुचेरी की एक सीट भी उसके खाते में आया है। 30 सीटों पर डीएमके और अन्य सहयोगी दल चुनाव मैदान में होंगे। सुपरस्टार कमल हासन की एमएनएम एक भी सीट पर लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेगी, उसे 2025 में राज्यसभा की सीट दिया जाएगा।
डीएमके और कांग्रेस नेताओं ने किया ऐलान
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन और तमिलनाडु कांग्रेस कमेटी के प्रमुख के सेल्वापेरुन्थागई ने वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं केसी वेणुगोपाल और अजॉय कुमार की मौजूदगी में सीटों के बंटवारे पर अंतिम मुहर लगाई। दरअसल, 2019 में गठबंधन में हुए सीटों के बंटवारे की तर्ज पर ही इस बार भी समझौता हुआ है। 2019 में भी कांग्रेस तमिलनाडु में 10 सीटों में नौ पर जीत हासिल की थी। इस बार भी वह जीती हुई 9 सीटों पर चुनाव मैदान में है। उसके पुडुचेरी की लोकसभा सीट भी मिली है। तमिलनाडु में 39 लोकसभा सीटें हैं।
डीएमके ने कांग्रेस से सीट शेयरिंग के पहले ही 2019 के पार्टनर विदुथलाई चिरुथिगल काची (वीसीके) और वाइको के नेतृत्व वाली एमडीएमके को तीन सीटें दे दी थी। दो सीटें वीसीके को दी गई है। यह सीट चिदम्बरम और विल्लुपुरम है। पिछली बार भी वीसीके यहां से लोकसभा चुनाव जीती थी। एमडीएमके को एक सीट आवंटित किया गया है। दरअसल, डीएमके ने 2019 के चुनावों के दौरान एमडीएमके को एक लोकसभा सीट और एक राज्यसभा सीट दी थी। राज्यसभा में वाइको को भेजा गया था। डीएमके ने सीपीआई (एम), सीपीआई, आईयूएमएल और केएमडीके के साथ भी समझौता किया है। इसके अलावा अभिनेता कमल हासन के नेतृत्व वाली मक्कल निधि मय्यम (एमएनएम) भी इंडिया गठबंधन में शामिल हो गई है। हालांकि, एमएनएम ने कोई लोकसभा सीट नहीं लिया है।
लोकसभा चुनाव 2019 में तमिलनाडु की 39 और पुडुचेरी की एकमात्र सीट, यानी 40 सीटों पर डीएमके गठबंधन ने 39 सीटों पर जीत हासिल की थी। इसमें पुडुचेरी सीट भी शामिल थी। जबकि बीजेपी-अन्नाद्रमुक को सिर्फ एक सीट मिली थी। इस सीट पर अन्नाद्रमुक का प्रत्याशी जीता था। लेकिन इस बार अन्नाद्रमुक और बीजेपी का गठबंधन टूट गया है और दोनों अलग-अलग लड़ रहे हैं।
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