सार

लोकसभा चुनाव से पहले सभी विपक्षी दलों को एकजुट करने की कोशिश जारी है। इसी क्रम में एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात की।

 

नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) से पहले विपक्षी दलों को एकजुट करने के प्रयास तेज हो गए हैं। इसी क्रम में गुरुवार रात को कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी ने NCP प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar) से मुलाकात की। यह मुलाकात नई दिल्ली स्थित खड़गे के घर में हुई।

बैठक के बाद राहुल गांधी ने कहा कि वे सभी विपक्षी एकता के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। राहुल गांधी ने कहा, "विपक्ष को एकजुट करने की प्रक्रिया शुरू हुई है। हम सब पार्टियां इस प्रोसेस के लिए कमिटेड हैं।"

ममता बनर्जी और अरविंद केजरीवाल को साथ लाने का करेंगे प्रयास

इससे पहले शरद पवार ने कहा, "हमारी सोच वही है जो मल्लिकार्जुन खड़गे ने आपको बताई थी, लेकिन सिर्फ सोचने से काम नहीं चलेगा। एक प्रक्रिया शुरू करने की जरूरत है। यह तो बस शुरुआत है। इसके बाद अन्य महत्वपूर्ण विपक्षी दलों के साथ बातचीत की जाएगी चाहे वह ममता बनर्जी हों, अरविंद केजरीवाल या अन्य। उन्हें इस प्रक्रिया में एकसाथ लाने का प्रयास किया जाएगा।"

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के साथ विपक्षी दलों की एकता पर बात हुई थी। इसमें तय किया गया था कि देश और लोकतंत्र को बचाने के लिए हमसब मिलकर काम करेंगे। हम संविधान की सुरक्षा,भाषण व अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, युवाओं के रोजगार, महंगाई और स्वायत्त निकायों के दुरुपयोग जैसे मुद्दों के लिए मिलकर लड़ने के लिए तैयार हैं। हम सबसे बात करेंगे। शरद पवार ने भी यही बात की है।

विपक्षी दलों की एकता के लिए नीतीश ने की थी मुलाकात

गौरतलब है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने दिल्ली आकर राहुल गांधी और अन्य कांग्रेसी नेताओं से विपक्षी दलों की एकता पर बात की थी। इस दौरान कहा गया था कि 2024 में होने जा रहे लोकसभा चुनाव से पहले अधिक से अधिक विपक्षी दलों को साथ लाने की कोशिश की जा रही है।

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शरद पवार ने हाल ही में अदाणी मामले में कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों के स्टैंड से इतर बयान दिया था। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल इस मामले में JPC (Joint Parliamentary Committee) की मांग कर रहे हैं। वहीं, शरद पवार ने कहा था कि JPC से सच्चाई सामने आएगी उसपर संदेह है क्योंकि अधिकतर सदस्य सत्ताधारी दल के होंगे। इसकी जगह सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बनाई गई समिति की जांच पर लोगों का भरोसा अधिक होगा।

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