सार

संसद में घुसपैठ करने वालों ने दहशत फैलाने के लिए पीले रंग का धुंआ छोड़ने वाले कनस्तर का इस्तेमाल किया। कलर गैस कनस्तर का यूज सेना से लेकर सिविलियन तक करते हैं।

नई दिल्ली। संसद की सुरक्षा (Lok Sabha Security Breach) में बुधवार को बड़ी चूक हुई। दो लोग दर्शक दीर्घा से लोकसभा कक्ष में कूद गए। वे अपने साथ पीला धुंआ निकालने वाला कनस्तर लेकर आए थे। सदन में पीला धुंआ फैलने से दहशत फैल गई। इस बीच संसद परिसर में दो लोगों ने नारेबाजी की और पीला धुंआ फैलाया। इनलोगों ने भी उसी तरह के कनस्तर का इस्तेमाल किया।

लोकसभा कक्ष में घुसने वाले दोनों लोगों को सांसदों ने पकड़ा फिर सुरक्षाकर्मियों के हवाले कर दिया। वहीं, संसद भवन परिसर में हंगामा करने वाली एक महिला और एक पुरुष को सुरक्षाकर्मियों ने पकड़ा।

क्या है कलर गैस कनस्तर?

स्मोक कैन या स्मोक बम बहुत से देशों में लीगल हैं। ये रिलेट मार्केट में उपलब्ध हैं। इनका इस्तेमाल कई तरह के काम में होता है। सेना से लेकर आम नागरिक इनका इस्तेमाल करते हैं। स्मोक कैन का इस्तेमाल फोटोग्राफी में स्पेशल इफेक्ट देने के लिए किया जाता है। स्मोक ग्रेनेड से गाढ़ा धुंआ निकलता है। इससे मौके पर धुंआ ही धुंआ फैल जाता है। इसका इस्तेमाल सेना और सुरक्षा एजेंसियों द्वारा किया जाता है।

दुश्मन की नजर से ओझल होने के लिए सैनिक करते हैं धुंआ इस्तेमाल
जंग की स्थिति में सैनिक धुंआ फैलाकर दुश्मन की नजर से ओझल होते हैं। टैंक द्वारा भी स्मोक का इस्तेमाल अपना लोकेशन छिपाने या संकेत देने के लिए किया जाता है। धुंआ का इस्तेमाल, हवाई हमले का जगह बताने, सैनिकों को हवा से जमीन पर उतरने के लिए जगह बताने और अन्य मिशन में भी होता है। 

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फोटोग्राफी में इफेक्ट और इल्यूजन पैदा करने के लिए धुएं का इस्तेमाल किया जाता है। खेलों में, विशेष रूप से फुटबॉल में प्रशंसकों द्वारा अपने संबंधित क्लबों के रंगों को दिखाने के लिए स्मोक कनस्तरों का इस्तेमाल किया जाता है।

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