Madras High Court: शनिवार को मद्रास हाईकोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए कहा कि क्रिप्टोकरेंसी को भारतीय कानून के तहत संपत्ति माना जाएगा।

Madras High Court: मद्रास हाईकोर्ट ने शनिवार को एक बड़ा फैसला सुनाते हुए कहा कि क्रिप्टोकरेंसी को भारतीय कानून के तहत संपत्ति माना जा सकता है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि भले ही क्रिप्टोकरेंसी न तो कोई है और न ही इसे कानूनी मुद्रा माना गया है, लेकिन इसमें संपत्ति के सभी जरूरी गुण मौजूद हैं। जस्टिस आनंद वेंकटेश ने कहा कि कोई व्यक्ति क्रिप्टोकरेंसी को अपने पास रख सकता है, उसका मालिक बन सकता है और अगर चाहे तो इसे ट्रस्ट में भी जमा कर सकता है। कोर्ट ने बताया कि यह एक ऐसी संपत्ति है, जिसे व्यक्ति अपने लाभ के लिए इस्तेमाल कर सकता है। यह फैसला भारत में डिजिटल संपत्तियों को कानूनी पहचान देने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।

क्या है पूरा मामला?

यह पूरा मामला निवेशक द्वारा दायर याचिका से जुड़ा था, जिनकी WazirX प्लेटफॉर्म पर होल्डिंग्स जनवरी 2024 में खरीदी गई थी। आवेदक ने 2024 में जानमाई लैब्स द्वारा संचालित WazirX के माध्यम से लगभग 1,98,516 रुपये की कीमत के 3,532.30 XRP सिक्के खरीदे थे। उसी साल जुलाई में WazirX ने घोषणा की कि उसके कोल्ड वॉलेट में हैक हुआ है, जिससे लगभग 230 मिलियन अमेरिकी डॉलर मूल्य के एथेरियम और ERC-20 टोकन्स का नुकसान हुआ।

उपयोगकर्ताओं के खाते किए थे फ्रीज

इस घटना के बाद, WazirX ने सभी उपयोगकर्ताओं के खाते फ्रीज कर दिए। निवेशक ने तर्क दिया कि उसकी XRP संपत्तियां हैक से सुरक्षित रहीं और WazirX ने उन्हें ट्रस्ट में सुरक्षित रखा था। इसलिए उसने अपने पोर्टफोलियो को वापस बांटे जाने से रोकने के लिए अदालत से अस्थायी सुरक्षा की मांग की। अब अदालत ने इस मामले में साफ किया कि क्रिप्टोकरेंसी भी एक संपत्ति है और इसका मालिक कोई भी व्यक्ति अपने पास रख सकता है और उसका अधिकार रख सकता है।

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