Cyclone Shakti 2025 Alert: महाराष्ट्र में तेज हवाओं और ऊंची लहरों ने दस्तक दी; आंध्र प्रदेश में बारिश से 4 की मौत, ओडिशा में भूस्खलन से 2 मरे। अधिकारी हाई अलर्ट पर; तटीय क्षेत्रों में तीव्र तूफान का खतरा, अनिश्चितता और जोखिम अभी भी मंडरा रहा है।

Cyclone Shakti 2025: भारत के मौसम विभाग ने महाराष्ट्र समेत गुजरात, आंध्र प्रदेश और ओडिशा में साइक्लोन शक्ति 2025 को लेकर अलर्ट जारी किया है। अरब सागर में बना यह चक्रवाती तूफान महाराष्ट्र के तटीय जिलों पर 45-65 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं और ऊंची समुद्री लहरें लेकर आएगा। IMD के अनुसार यह मानसून के बाद का पहला बड़ा तूफान है और 3 से 7 अक्टूबर के बीच इसका असर राज्य के कई जिलों में दिखाई देगा।

क्या सचमुच मुंबई और ठाणे पर खतरा है?

महाराष्ट्र के मुंबई, ठाणे, पालघर, रायगढ़, रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग जिलों में तेज हवाओं और ऊंची लहरों की चेतावनी है। समुद्र में 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल रही हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि समुद्री उथल-पुथल से मछुआरों और तटीय क्षेत्रों में खतरा बढ़ सकता है। क्या नागरिक और प्रशासन इस तूफान के खतरे के लिए तैयार हैं?

साइक्लोन शक्ति ने आंध्र और ओडिशा में क्यों मचाई तबाही?

बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना गहरा दबाव का क्षेत्र आंध्र प्रदेश और ओडिशा में भारी बारिश और बाढ़ की वजह बना। आंध्र प्रदेश में चार लोगों की मौत हुई, जबकि ओडिशा के गजपति जिले में लैंडस्लाइड के कारण दो लोगों की जान गई। कई लोग लापता हैं। क्या यह केवल बारिश का असर है या तूफान के गहरे प्रभाव का संकेत?

क्यों केवल कुछ तटीय इलाके प्रभावित हैं?

साइक्लोन शक्ति का केंद्र फिलहाल गुजरात तट से 300-360 किलोमीटर दूर है। तूफान पश्चिम और फिर पश्चिम-दक्षिण-पश्चिम की ओर बढ़ रहा है। इसका असर सबसे ज्यादा उत्तरी महाराष्ट्र, गुजरात और पाकिस्तान के तटीय इलाकों में दिखेगा। क्या धीरे-धीरे यह कमजोर होकर सामान्य बारिश में बदल जाएगा या और भी खतरा बढ़ सकता है?

सरकार और प्रशासन ने क्या तैयारी की?

महाराष्ट्र सरकार ने डिजास्टर मैनेजमेंट एक्टिव कर दिया है। अधिकारियों को तटीय और निचले इलाकों में नागरिकों की सुरक्षा के लिए अलर्ट किया गया है। मछुआरों को 7 अक्टूबर तक समुद्र में नहीं जाने की चेतावनी दी गई है। क्या प्रशासन समय रहते लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा पाएगा?

समुद्र में उथल-पुथल और तेज हवाओं का रहस्य

साइक्लोन शक्ति अरब सागर में मानसून के बाद बना पहला बड़ा तूफान है। 7 अक्टूबर तक इसका असर महसूस किया जाएगा, उसके बाद यह पूर्व-उत्तर-पूर्व दिशा में बढ़ते हुए कमजोर होगा। समुद्री उथल-पुथल और तेज हवाओं से तटीय इलाकों में भारी नुकसान की संभावना है। क्या लोगों को समुद्र में जाने से रोकना पर्याप्त होगा?

क्या हम सुरक्षित रह पाएंगे?

IMD ने महाराष्ट्र के विदर्भ और मराठवाड़ा क्षेत्रों में भी भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी दी है। उत्तरी कोंकण में निचले इलाके बाढ़ के खतरे में हैं। प्रशासन और नागरिकों के लिए यह चुनौती है कि वे समय पर कदम उठाएं। क्या हमारी तैयारियां इस तूफान के गहरे प्रभाव को रोक पाएंगी?