सार

शिवसेना ने इस हफ्ते की शुरुआत में डिप्टी स्पीकर के पास 16 बागी विधायकों को अयोग्य ठहराने की अपील दायर की थी। शिंदे खेमे ने दावा किया कि यह कदम अवैध था क्योंकि अयोग्यता केवल विधानसभा के मामलों के लिए हो सकती है न कि पार्टी की बैठक में शामिल होने के लिए।
 

मुंबई। शिवसेना पर वर्चस्व और महाराष्ट्र में सरकार बनाने लेकर शुरू हुई लड़ाई अब कानून के मंदिर में पहुंच चुका है। बागी विधायकों वाला एकनाथ शिंदे खेमा, 16 विधायकों को अयोग्य ठहराने के शिवसेना के कदम को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। सोमवार को कोर्ट इस पर सुनवाई करेगा। बागी खेमा ने विधायक दल के नेता चुने गए अजय चौधरी की नियुक्त को भी अवैध मानते हुए चुनौती दी है। 

क्या है पूरा मामला?

एकनाथ शिंदे खेमे ने ठाकरे खेमे द्वारा अजय चौधरी को शिवसेना विधायक दल का नेता नियुक्त करने और डिप्टी स्पीकर नरहरि जिरवाल के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को खारिज करने को भी चुनौती दी है। बागियों ने शीर्ष अदालत से कहा है कि जब तक उन्हें हटाने के मामले का फैसला नहीं हो जाता, तब तक वह डिप्टी स्पीकर को अयोग्यता याचिका पर कोई कार्रवाई नहीं करने का आदेश दें। उन्होंने अदालत से महाराष्ट्र सरकार को उनके परिवारों को सुरक्षा मुहैया कराने का निर्देश देने की भी मांग की है।

शिवसेना ने बागी विधायकों के खिलाफ डिप्टी स्पीकर को प्रार्थना पत्र दिया

शिवसेना ने इस हफ्ते की शुरुआत में डिप्टी स्पीकर के पास 16 बागी विधायकों को अयोग्य ठहराने की अपील दायर की थी। शिंदे खेमे ने दावा किया कि यह कदम अवैध था क्योंकि अयोग्यता केवल विधानसभा के मामलों के लिए हो सकती है न कि पार्टी की बैठक में शामिल होने के लिए।

क्या कहता है कानून?

इससे पहले रविवार को सुप्रीम कोर्ट के वकील देवदत्त कामत ने कहा कि राज्य के बाहर से पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए विधायकों को अयोग्य घोषित करने के कई उदाहरण हैं। साथ ही, कानून कहता है कि बागी विधायकों को किसी और पार्टी में विलय करना होगा या उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस मामले में अध्यक्ष की अनुपस्थिति में उपाध्यक्ष के पास सभी प्रकार के अधिकार हैं।

सरकार में शामिल बागी मंत्रियों को हटाया जाएगा

शिवसेना बागी मंत्रियों के खिलाफ अन्य कार्रवाई की भी योजना बना रही है। सूत्रों ने कहा कि एकनाथ शिंदे, गुलाबराव पाटिल और दादा भुसे के अपने पोर्टफोलियो खोने की संभावना है। अब्दुल सत्तार और शंबुराजे देसाई को भी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।

उधर, रविवार को उदय सावंत विद्रोही खेमे में शामिल होने वाले महाराष्ट्र के नौवें मंत्री बने। विद्रोहियों का दावा है कि उनके पास दो-तिहाई बहुमत है, जो उन्हें अयोग्यता कानूनों को लागू किए बिना विधानसभा में पार्टी को विभाजित करने में सक्षम करेगा।

शिवसेना के प्रवक्ता संजय राउत ने कसा तंज

मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के करीबी शिवसेना के संजय राउत ने बागियों पर तंज कसते हुए कहा, ''बालासाहेब को धोखा देने वाला खत्म हो गया... अब से हमें तय करना है कि किस पर भरोसा किया जाए.'' शिवसेना के सूत्रों ने दावा किया कि शिंदे के साथ डेरा डाले हुए कम से कम 20 विधायक मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के संपर्क में हैं। उनमें से कुछ भाजपा में विलय के खिलाफ हैं।

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