सार

महाराष्ट्र की राजनीति में उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) और अजीत पवार (Ajit Pawar) की मीटिंग ने फिर से सियासी हलचल मचा दी है। इस मीटिंग को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं भी तेज हो गई हैं।

Ajit Pawar-Uddhav Meeting. महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजीत पवार ने बुधवार को शिवसेन (उद्धव गुट) के नेताओं से मुलाकात की है। इसमें शिवसेना उद्धव गुट के विधायकों के साथ खुद उद्धव ठाकरे और उनके बेटे आदित्य ठाकरे शामिल रहे। इस मुलाकात के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में फिर से उलटफेर की संभावना की बातें जोर पकड़ने लगी हैं। हालात यह है कि शिवसेना और राष्ट्रवादी पार्टियों में दो फाड़ पहले ही हो चुका है। ऐसे में यह मुलाकात क्या रंग लाएगी, यह आने वाले दिनों में देखने को मिल सकता है।

अजीत पवार से मिलकर उद्धव ठाकरे ने क्या कहा

विधान भवन में अजीत पवार और उद्धव ठाकरे की मुलाकात के बाद उद्धव ने मीडियो को मीटिंग के बारे में जानकारी दी है। ठाकरे ने कहा कि अजीत पवार मेरे साथ ढाई साल तक काम कर चुके हैं और मैं उनके कार्यशैली को जानता हूं। यही वजह थी कि मीटिंग के दौरान मैंने उनसे राज्य के नागरिकों और किसानों पर ध्यान देने का आग्रह किया है। अजीत पवार इस वक्त डिप्टी सीएम होने के साथ ही वित्त और नियोजन मंत्रालय की जिम्मेदारी भी संभाल रहे हैं। उद्धव ठाकरे ने कहा कि मैंने उनसे राज्य के लिए अच्छा काम करने के लिए कहा। ठाकरे ने यह भी विश्वास जताया कि राज्य के लोगों को भरपूर सहायता मिलेगी क्योंकि खजाने की चाभियां अजीत पवार के पास हैं।

दो हिस्सों में बंट चुकी है शिवसेना-एनसीपी

शिवसेना की बात करें तो वर्तमान सीएम एकनाथ शिंदे ने शिवसेना से बगावत करके भाजपा के साथ मिलकर नई सरकार बना ली। शिंदे ने शिवसेना पार्टी और चुनाव चिह्न पर भी दावा ठोंका है। वहीं अजीत पवार ने कुछ दिन पहले ही राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी से बगावत की और पार्टी के अधिकतर विधायकों के साथ बीजेपी की सरकार में शामिल हो गए। उन्हें राज्य का डिप्टी सीएम भी बनाया गया है।

क्या शरद पवार-उद्धव में हुई कोई बात

बेंगलुरू में दो दिनों तक चली विपक्षी पार्टियों की मीटिंग में दूसरे दिन शरद पवार भी शामिल हुए। इस मीटिंग में उद्धव ठाकरे पहले से ही मौजूद थे। राजनैतिक हलकों में इस बात की चर्चा है कि कहीं दोनों नेताओं ने मिलकर राज्य के लिए कोई नया समीकरण तो नहीं तैयार किया है। अब उद्धव और अजीत पवार की मीटिंग के बाद ऐसी चर्चाओं को बल मिलने लगा है।

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