सार

कर्नाटक के मेंगलुरू शहर में शनिवार को हुए बम ब्लास्ट में नए-नए खुलासे हो रहे हैं। पुलिस का कहना है कि इस ब्लास्ट में गिरफ्तार आरोपी मोहम्मर शारिक भीड़ वाले इलाके में विस्फोट करना चाहता था, ताकि पूरा मेंगलुरू दहल जाए। हालांकि, बम उससे पहले ही ऑटो में फट गया।

Mangaluru Bomb Blast: कर्नाटक के मेंगलुरू शहर में शनिवार को हुए बम ब्लास्ट में नए-नए खुलासे हो रहे हैं। कंकनाडी टाउन थाना क्षेत्र के नागोरी में हुए इस ब्लास्ट में 2 लोग बुरी तरह से जख्मी हुए हैं। मामले की जांच एनआईए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) कर रही है। पुलिस का कहना है कि इस ब्लास्ट में गिरफ्तार आरोपी मोहम्मर शारिक भीड़ वाले इलाके में विस्फोट करना चाहता था, ताकि पूरा मेंगलुरू दहल जाए। हालांकि, बम उससे पहले ही ऑटो में फट गया। वहीं कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री सुधाकर ने इसे आतंकी साजिश बताते हुए एक बड़ा दावा किया है।

शारिक ने रेल कर्मी का आधार कार्ड चुराया : 
मेंगलुरु बम ब्लास्ट में गिरफ्तार आरोपी मोहम्मद शारिक को लेकर कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री सुधाकर ने कहा है कि ऑटो में बैठने के बाद वो खुद को हिंदू बता रहा था। इसके लिए उसने एक आधार कार्ड भी दिखाया था, जिस पर हिंदू नाम था। ये आधार कार्ड तुमकुरु के एक रेलवे कर्मचारी प्रेमराज हुतागी  का था, जिसे उसने चुरा लिया था। पुलिस का भी यही कहना है कि शारिक ने अपनी पहचान छुपाई थी। ऐसे में इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि उसके संबंध किसी आतंकी संगठन से नहीं होंगे। 

कोयम्बटूर ब्लास्ट से जुड़ रहे तार : 
बता दें कि मेंगलुरू में हुए ब्लास्ट के तार कोयम्बटूर में पिछले महीने हुए कार बम धमाके से भी जुड़ रहे हैं। पुलिस का मानना है कि दोनों घटनाओं में आरोपियों का कनेक्शन आतंकी संगठन आईएस से हो सकता है। इसी बीच, पुलिस ने मोहम्मद शारिक के मूवमेंट को ट्रेस किया है, जिसमें पता चला है कि उसने सितंबर, 2022 में तमिलनाडु के कोयंबटूर में एक शख्स से मुलाकात की थी, जिसका नाम जमीशा मुबीन था। 

कोयम्बटूर में आतंकी मुबीन से मिला था शारिक : 
सूत्रों के मुताबिक मुबीन और शारिक सितंबर में ही सिंगानल्लूर में ब्लास्ट करने की प्लानिंग कर चुके थे। मुबीन ने कोयम्बूटर और शारिक ने मेंगलुरू में धमाका करने का प्लान बनाया था। दोनों की पहचान बेंगलुरू में मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई के दौरान हुई थी। पुलिस के मुताबिक, कोयम्बटूर के संगमेश्वर मंदिर के पास हुए ब्लास्ट से पहले शारिक 23 अक्टूबर को उस इलाके में घूमा था। हालांकि, मुबीन शारिक की तरह लकी नहीं था और कोयम्बटूर ब्लास्ट में उसकी मौत हो गई थी। 

कई आतंकियों के संपर्क में था शारिक : 
पुलिस के मुताबिक, शारिक आईएसआईएस के हैंडलर अराफात अली के संपर्क में था। अराफात पहले ही दो आतंकी मामलों में आरोपी है और अल-हिंद मॉड्यूल केस के आरोपी मुस्सविर हुसैन के संपर्क में था। इसके अलावा भी शरीक दो तीन अन्य संदिग्ध लोगों के कॉन्टैक्ट में था, जिनकी पहचान की जा रही है। बता दें कि शारिक 3 लाख रुपए के ईनामी आतंकी अब्दुल मतीन अहमद ताहा से प्रभावित था और इसी ने उसका ब्रेनवॉश किया था।  

कौन है मोहम्मद शारिक?
शारिक बेंगलुरु से 350 किलोमीटर दूर तीर्थहल्ली के सोप्पुगुड्डे का रहने वाला है। वह नागोरी के पास एक ऑटोरिक्शा में बैठा और ड्राइवर पुरुषोत्तम से कहा कि मेंगलुरु के पंपवेल जाना चाहता है। इस दौरान वो अपने साथ लिए कुकर बम को भीड़भाड़ वाले इलाके में प्लांट करना चाहता था। हालांकि, ऑटो में बैठने के कुछ देर बाद ही कुकर बम फट गया। इसमें शारिक के साथ ही ऑटो चालक भी घायल हो गया, जिसका इलाज चल रहा है।

शारिक के घर से मिला बम बनाने का सामान : 
मेंगलुरु बम धमाके के आरोपी शारिक के घर से बड़ी मात्रा में विस्फोटक सामग्री बरामद हुई है। यहां से जिलेटिन पाउडर, सर्किट बोर्ड, बोल्ट, बैटरी, एल्युमीनियम मल्टी मीटर, तार, मिक्सचर जार, प्रेशर कुकर वगैरह मिले हैं। शारिक किराए के जिस घर में रहता था वहां से मोबाइल फोन, दो फर्जी आधार कार्ड, एक पैन कार्ड और डेबिट कार्ड भी मिला है। 

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