सार
मणिपुर की यात्रा पर गए विपक्षी दलों के 21 सांसदों के प्रतिनिधिमंडल ने रविवार को राज्यपाल से मुलाकात की। सांसदों ने राज्यपाल को ज्ञापन दिया और बताया कि उन्होंने अपनी यात्रा के दौरान क्या देखा।
इंफाल। विपक्षी दलों के मोर्चे इंडिया के 21 सांसदों के प्रतिनिधिमंडल ने रविवार को मणिपुर की राज्यपाल अनुसुइया उइके से मुलाकात की। उन्होंने राज्यपाल को बताया कि दो दिन की यात्रा के दौरान हिंसा प्रभावित राज्य में क्या देखा और समझा। विपक्षी दलों के सांसदों ने राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा।
मणिपुर की दो दिन की यात्रा के दौरान विपक्षी दलों के प्रतिनिधिमंडल ने कुकी और मैतेई क्षेत्रों का दौरा किया। इसके साथ ही वे कई राहत शिविरों में भी गए। प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस से अधीर रंजन चौधरी, गौरव गोगोई, फूलो देवी नेताम, के सुरेश, टीएमसी से सुष्मिता देव, आप से सुशील गुप्ता, शिवसेना (यूबीटी) से अरविंद सावंत, डीएमके से कनिमोझी करुणानिधि, जेडीयू से राजीव रंजन सिंह व अनिल प्रसाद हेगड़े, सीपीआई से संदोश कुमार, सीपीआईएम से एए रहीम, आरजेडी से मनोज कुमार झा, समाजवादी पार्टी से जावेद अली खान, जेएमएम से महुआ माजी, एनसीपी से पीपी मोहम्मद फैजल, आईयूएमएल से ईटी मोहम्मद बशीर, आरएसपी से एनके प्रेमचंद्रन, वीसीके से डी रविकुमार व थिरु थोल थिरुमावलवन और आरएलडी से जयंत सिंह थे।
मोइरांग और चुराचांदपुर के राहत शिविरों में गए विपक्षी दलों के नेता
शनिवार को विपक्षी दलों के 21 सांसद मणिपुर पहुंचे थे। पहले दिन विपक्षी नेता इंफाल और बिष्णुपुर जिले के मोइरांग व चुराचांदपुर में कई राहत शिविरों में गए। इसके बाद प्रतिनिधिमंडल को दो टीमों में बांटा गया। एक का नेतृत्व कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी और दूसरे का गौरव गोगोई ने किया। चौधरी के नेतृत्व वाले समूह ने सबसे पहले चुराचांदपुर कॉलेज के बॉयज हॉस्टल में राहत शिविर का दौरा किया। इस बीच, गोगोई के नेतृत्व वाले समूह ने चुराचांदपुर में डॉन बॉस्को स्कूल में एक राहत शिविर का दौरा किया।
इंफाल लौटने के बाद चौधरी के नेतृत्व वाली टीम मैतेई समुदाय के पीड़ितों से मिलने के लिए बिष्णुपुर जिले के मोइरांग कॉलेज में बने राहत शिविर में पहुंची। वहीं, दूसरी टीम ने इंफाल पूर्वी जिले के अकम्पट में आइडियल गर्ल्स कॉलेज राहत शिविर का दौरा किया।
दिल दहला देने वाली है राहत शिविरों की स्थिति
कांग्रेस नेता फूलोदेवी नेताम ने बताया कि राहत शिविरों में रहने वाले लोगों की स्थिति दिल दहला देने वाली है। एक हॉल में 400-500 लोग रह रहे हैं। राज्य सरकार उन्हें केवल दाल-चावल मुहैया करा रही है। बच्चों को पूरे दिन खाने के लिए और कुछ नहीं मिल रहा है। शौचालय या बाथरूम की कोई सुविधा नहीं है।
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा "सभी 21 सांसदों ने राज्यपाल को एक ज्ञापन सौंपा है। जब हमने उनसे बात की तो उन्होंने खुद अपना दर्द और दुख व्यक्त किया। उन्होंने सुझाव दिया कि हम सभी समुदायों के नेताओं के साथ मिलकर बातचीत करें और एक समाधान खोजें। मणिपुर सरकार ने विपक्ष और भाजपा को राज्य में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजने का सुझाव दिया है ताकि लोगों में भरोसा कायम किया जा सके।"
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विपक्षी प्रतिनिधिमंडल मणिपुर पर अपनी राय संसद में रखेगा। कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि हमने संसद में मणिपुर पर चर्चा का अनुरोध किया है। यहां स्थिति हर दिन बिगड़ रही है।
तीन मई से जातीय हिंसा की आग में जल रहा मणिपुर
गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने आरक्षण को लेकर एक आदेश दिया था। इसके बाद तीन मई को मणिपुर में आदिवासी एकता रैली निकाली गई। इसी दिन से राज्य जातीय हिंसा की आग में जल रहा है। मैतेई और कुकी समुदाय के लोग आमने-सामने हैं। हिंसा के चलते 160 से अधिक लोग मारे गए हैं। हजारों घरों को जला दिया गया है और हजारों लोगों को विस्थापित होना पड़ा है। चार मई को भीड़ द्वारा दो महिलाओं का नग्न परेड कराए जाने की घटना घटी थी। पिछले दिनों इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिससे पूरे देश में आक्रोश फैल गया। इस मुद्दे पर विपक्ष द्वारा सरकार को घेरने की कोशिश की जा रही है। संसद के मानसून सत्र में मणिपुर हिंसा पर चर्चा की मांग करते हुए विपक्ष द्वारा हंगामा किया जा रहा है। इसी मामले में विपक्ष ने सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव भी लाया गया है।