सार

दिल्ली में वायु प्रदूषण एक गंभीर समस्या बना हुआ है। मौसम में बदलाव के चलते दिल्ली में ओवरऑल वायु प्रदूषण(Delhi air pollution) में खासी कमी आई है, लेकिन अभी कई जगहों पर AQI 300 के ऊपर जा रहा है। SAFAR के मुताबिक दिल्ली की वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) सोमवार को पंजाबी बाग में 312, जबकि मुंडका में 336 दर्ज किया गया। इस बीच दिल्ली विकास प्राधिकरण(DDA) इस दिशा में एक पहल करने जा रहा है।

नई दिल्ली. दिल्ली में वायु प्रदूषण एक गंभीर समस्या बना हुआ है। मौसम में बदलाव के चलते दिल्ली में ओवरऑल वायु प्रदूषण(Delhi air pollution) में खासी कमी आई है, लेकिन अभी कई जगहों पर AQI 300 के ऊपर जा रहा है। SAFAR के मुताबिक दिल्ली की वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) सोमवार को पंजाबी बाग में 312, जबकि मुंडका में 336 दर्ज किया गया।  मौसम में बदलाव के चलते प्रदूषण में कमी आने की उम्मीद है। जैसा कि बुधवार को AQI ओवरऑल 200 के आसपास दर्ज किया गया था। यह मध्यम श्रेणी में आता है। फिलहाल पश्चिमी विक्षोभ(western disturbance) के चलते आजकल में दिल्ली में हल्की बारिश की संभावना है। इससे भी प्रदूषण कम होगा।

पार्कों में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट(STP) की योजना
दिल्ली विकास प्राधिकरण नालों के पानी को शुद्ध करके उनका उपयोग पार्कों में करने की योजना बना रही है। इससे निश्चय ही पर्यावरण का नुकसान रुकेगा और जल-वायु प्रदूषण सबसे निजात मिलेगी। दिल्ली में 11,258 एकड़ में डीडीए के 787 पार्क हैं। इनके लिए रोज 343 लाख लीटर पानी की जरूरत पड़ती है। इसके लिए हर पार्क में बोरवेल कराना पड़ते हैं, जिनसे भूजल के स्तर में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही थी। इस दिशा में पहल करते हुए DDA ने पार्कों के पास से निकले नालों के पानी के लिए सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट(STP) की योजना बनाई है। अब तक करीब 35 पार्कों में ये प्लांट लगाए जा चुके हैं। 2021-22 के बजट में डीडीए ने इसके लिए 70 करोड़ रुपये आवंटित किए थे। 2022-23 के बजट में 7.90 करोड़ का प्रावधान किया गया है। उधर,दिल्ली सरकार IIT दिल्ली और IIT कानपुर के साथ मिलकर वायु प्रदूषण रोकने की दिशा में कार्ययोजना तैयार कर रही है। इससे 7 दिनों की प्रति घंटे के आधार पर प्रदूषण का पूर्वानुमान लगाया जा सकेगा। इस संबंध में दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) और दिल्ली सरकार के पर्यावरण विभाग ने आईआईटी कानपुर और आईआईटी दिल्ली के साथ एक बैठक की थी। 

क्या है एयर क्वालिटी इंडेक्स
वायु प्रदूषण का मतलब हवा में नाइट्रोजन डाइऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड और अन्य गैसों व धूलकणों के विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा तय किए गए मापदंड से अधिक होना है। वायु प्रदूषण के सूचकांक को संख्या में बदलकर एयर क्वालिटी इंडेक्स बनाया जाता है। इससे पता चलता है कि हवा कितनी शुद्ध या खराब है। एयर क्वालिटी इंडेक्स के छह कैटेगरी हैं।

अच्छा (0–50)- इसका मतलब है कि हवा साफ है। इससे सेहत पर खराब असर नहीं पड़ेगा। 

संतोषजनक (51–100)- संवेदनशील लोगों को सांस लेने में मामूली दिक्कत हो सकती है।

मध्यम प्रदूषित (101–200)- अस्थमा जैसे फेफड़े की बीमारी वाले लोगों को सांस लेने में कठिनाई हो सकती है। हृदय रोग वाले लोगों, बच्चों और बुजुर्गों को परेशानी हो सकती है। 

खराब (201–300)- लंबे समय तक संपर्क में रहने वाले लोगों को सांस लेने में कठिनाई हो सकती है। हृदय रोग वाले लोगों को परेशानी हो सकती है।

बहुत खराब (301–400)- लंबे समय तक संपर्क में रहने वाले लोगों में सांस की बीमारी हो सकती है। फेफड़े और हृदय रोग वाले लोगों में प्रभाव अधिक स्पष्ट हो सकता है।

गंभीर रूप से खराब  (401-500) - स्वस्थ लोगों में भी श्वसन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।

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