सार

केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने कहा है कि उन्होंने ऐसे किसी पेपर पर साइन नहीं किया है, जिसमें हमास को आतंकी संगठन घोषित किए जाने का जिक्र हो।

 

नई दिल्ली। इजरायल और हमास के बीच दो महीने से लड़ाई चल रही है। इस बीच हमास को लेकर भारत में सोशल मीडिया पर एक अलग ही चर्चा चल रही है। सोशल मीडिया पर सवाल शेयर किया गया। केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी का जिक्र कर बताया गया है कि संसद में हमास को आतंकवादी संगठन घोषित करने को लेकर सवाल किया गया है।

इसपर मीनाक्षी लेखी ने कहा है कि उन्होंने हमास को आतंकवादी संगठन घोषित करने के सवाल वाले किसी भी कागज पर साइन नहीं किया है। सोशल मीडिया पर हमास को आतंकवादी संगठन घोषित करने के 'अतारांकित प्रश्न' की एक तस्वीर शेयर की गई थी। इसमें लेखी की प्रतिक्रिया भी दी गई थी।

मीनाक्षी लेखी बोली- गलत सूचना दी गई
मीनाक्षी लेखी ने सवाल की तस्वीर के साथ किए गए एक पोस्ट के जवाब में X पर लिखा, "आपको गलत सूचना दी गई है। मैंने ऐसे सवाल और जवाब वाले किसी पेपर पर साइन नहीं किया है।" मीनाक्षी लेखी ने अपने जवाब को विदेश मंत्री एस जयशंकर और प्रधानमंत्री कार्यालय को टैग किया है।

 

 

सोशल मीडिया पर शेयर किए गए फोटो अनुसार, कांग्रेस सांसद कुंभकुडी सुधाकरन ने सवाल पूछा था कि क्या भारत सरकार के पास हमास को आतंकवादी संगठन घोषित करने का कोई प्रस्ताव है? क्या इजराइल सरकार द्वारा इसके लिए कोई मांग की गई है?

इजरायल के राजदूत ने की है हमास को आतंकवादी संगठन घोषित की मांग
बता दें कि भारत ने फिलिस्तीनी संगठन हमास को आतंकी संगठन घोषित नहीं किया है। भारत में इजरायल के राजदूत नाओर गिलोन ने हमास को आतंकवादी संगठन घोषित करने का मुद्दा उठाया है। उन्होंने केंद्र सरकार से ऐसा करने का अनुरोध किया है।

यह भी पढ़ें- बिना उंगलियों वाली केरल की महिला का नहीं बन रहा था आधार, मंत्री राजीव चन्द्रशेखर को पता चला तो किया ये इंतजाम

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बयान जारी कर कहा, "लोकसभा अतारांकित प्रश्न संख्या 980 का उत्तर 8 दिसंबर 2023 को दिया गया। इसमें तकनीकी सुधार की जरूरत है। संसद के प्रश्न का जवाब राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने दिया था। यह उपयुक्त रूप से किया जा रहा है।" बता दें कि वी मुरलीधरन और मीनाक्षी लेखी दोनों विदेश राज्य मंत्री हैं।

यह भी पढ़ें- मायावती ने सांसद दानिश अली को निकाला, लगाया पार्टी विरोधी काम करने का आरोप