सार
कोविड हॉस्पिटल इलेक्ट्रॉनिक एंजल रोबोट (CHETAN) को एंड्रॉयड फोन को चलाने में सक्षम कोई भी व्यक्ति ऑपरेट कर सकता है। अभी इसका इस्तेमाल दिल्ली के डीआरडीओ द्वारा बनाए गए कोविड सेंटर में किया जा रहा है।
नई दिल्ली. भारत कोरोना वायरस की दूसरी लहर से जूझ रहा है। कोरोना के खिलाफ जंग में हेल्थ वर्कर्स लगातार लगे हुए हैं। उनके ऊपर काम का दबाव कम करने के लिए डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन ने एक रोबोट बनाया है, जो आईसीयू या कोविड वार्ड में कोरोना मरीजों की मदद करेगा।
कोविड हॉस्पिटल इलेक्ट्रॉनिक एंजल रोबोट (CHETAN) को एंड्रॉयड फोन को चलाने में सक्षम कोई भी व्यक्ति ऑपरेट कर सकता है। अभी इसका इस्तेमाल दिल्ली के डीआरडीओ द्वारा बनाए गए कोविड सेंटर में किया जा रहा है।
कैसे काम करता है रोबोट
रोबोट काम कर सके, इसलिए इसमें एंड्रॉयड ऐप, ब्राउसर बेस्ड एप्लीकेशन का इस्तेमाल किया गया है। साथ ही इसमें डेस्कटॉप भी लगाया गया है। ऑपरेटरों के लिए मरीजों की निगरानी करने के लिए इसमें एक कैमरा भी लगा है। साथ ही इसमें तीन ट्रे हैं और यह सपाट सतहों पर चल सकता है।
क्या रखा है ट्रे में?
इसमें इस्तेमाल तीन ट्रे में से पहली में दवाईयां, दूसरी का इस्तेमाल खाना और अन्य मेडिकल सामानों में किया जा रहा है। यहां तक की जो मरीज कम घूम फिर सकते हैं, वे भी इसका इस्तेमाल आसानी से कर पा रहे हैं। इसके अलावा तीसरी ट्रे का इस्तेमाल पानी रखने में किया जा रहा है।
रोबोट में अलार्म सिस्टम भी
इस रोबोट में अलार्म सिस्टम भी लगा है। इसके अलावा इसे बनाने में इस्तेमाल सामान भी आसानी से बाजार में उपलब्ध है। इसमें लगे कैमरे की सहायता से मरीज के साथ के लोग वार्ड में क्या चल रहा, इसे बाहर ही देख सकते हैं। इसके अलावा इमरजेंसी होने पर वे मेडिकल स्टाफ से मदद भी मांग सकते हैं।
हेल्थ वर्कर्स का काम हुआ कम
भारत में जब से कोरोना की दूसरी लहर आई है, हेल्थ वर्कर्स पर वर्कलोड काफी बढ़ गया है। उन्हें मरीजों को खाना, पानी से लेकर दवाओं तक सब देना पड़ रहा है। ऐसे में इस रोबोट के इस्तेमाल से यह वर्कलोड कम हो सकता है।
इसके अलावा पिछले दिनों में जब मरीज ऑक्सीजन सपोर्ट पर होता था, तो परिजन तमाम कमियों का आरोप लगाते थे। लेकिन अब यह रोबोट परिजनों को उनके मरीजों के बारे में रियल टाइम जानकारी देता है।
किसने बनाया इसे
चेतन को डीआरडीओ की डायरेक्टोरेट ऑफ इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी और साइबर सिक्योरिटी ने मिलकर बनाया है। इसमें कॉम्बेट रोबोटिक इंडिया, दधीची मिटिगेशन सॉल्यूशंस, जीउस न्यूमेरिक्स, पुणे और एसआर इंजीनियरिंग सॉल्यूशंस हैदराबाद जैसे स्टार्टअप्स ने मदद की है।
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