सार

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने आतंकी संगठन सिख्स फॉर जस्टिस (Sikhs For Justice) पर लगे बैन को पांच साल के लिए बढ़ा दिया है। यह संगठन भारत में हिंसा, उपद्रव और अलगाववाद फैलाने में लगा है।

नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने आतंकी संगठन सिख्स फॉर जस्टिस (SFJ) पर लगे बैन को पांच साल के लिए बढ़ा दिया है। इसकी घोषणा मंगलवार को की गई। नया बैन 10 जुलाई 2024 से लागू होगा। इसमें SFJ को गैरकानूनी बताया गया है।

सिख्स फॉर जस्टिस संगठन भारत के खिलाफ काम कर रहा है। इसके नेता अमेरिका, कनाडा जैसे पश्चिमी देशों में बैठे हैं। यह संगठन भारत में हिंसा, उपद्रव और अलगाववाद फैलाने में लगा हुआ है। SFJ से राष्ट्रीय सुरक्षा और स्थिरता के लिए खतरा को देखते हुए भारत सरकार ने यह कार्रवाई की है।

SFJ अलगाववादी विचारधाराओं को बढ़ावा देने और हिंसा भड़काने वाली गतिविधियों में संलिप्तता के कारण जांच के दायरे में रहा है। इस संगठन से भारत के सार्वजनिक व्यवस्था और संप्रभुता को खतरा था, जिसके चलते प्रतिबंध को पांच साल के लिए बढ़ाया गया है।

क्या है सिख्स फॉर जस्टिस संगठन?

सिख्स फॉर जस्टिस खालिस्तानी आतंकवादी संगठन है। इसकी स्थापना गुरपतवंत सिंह पन्नू ने की थी। SFJ को केंद्र सरकार ने आतंकवाद को बढ़ावा देने के नए सबूतों के कारण गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत अगले पांच साल के लिए प्रतिबंधित किया है। गृह मंत्रालय ने कहा है कि यह संगठन पंजाब और अन्य जगहों पर देश विरोधी गतिविधियों में शामिल है। SFJ दूसरे आतंकवादी संगठनों और आतंकियों के साथ निकट संपर्क में है। यह हिंसक उग्रवाद का समर्थन कर रहा है।

केंद्र सरकार ने क्यों लगाया SFJ पर बैन?

केंद्र सरकार के अनुसार SFJ ऐसी गैरकानूनी गतिविधियों में लिप्त है, जिसके चलते उसपर गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम 1967 की धारा 2 की उपधारा (1) के खंड (0) और (पी) के तहत बैन लगाया गया है।

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SFJ पंजाब और अन्य जगहों पर भारत के खिलाफ काम कर रहा है। इसका उद्देश्य भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को खतरे में डालना है। यह खालिस्तान बनाने के लिए पंजाब और अन्य जगहों पर हिंसक उग्रवाद का समर्थन कर रहा है।

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