सार
Monkeypox second case: देश में मंकीपॉक्स का एक और केस सामने आया है। केरल लौटे एक व्यक्ति में मंकीपॉक्स का संक्रमण मिला है। संक्रमित व्यक्ति, यूएई से एर्नाकुलम लौटा था। जांच में उसके मंकीपॉक्स संक्रमित होने की पुष्टि के बाद आइसोलेट कर दिया गया है। एक प्राइवेट अस्पताल में पीड़ित को भर्ती कराया गया है। सैंपल्स की जांच अलपुझा स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी लैब में की गई। सैंपल्स को जीनोमिक सीक्वेंसिंग के लिए पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी में भेजा गया है। यह राज्य में एमपॉक्स का दूसरा और देश में इस साल का तीसरा मामला है।
केरल का यह दूसरा मामला
एर्नाकुलम से पहले मलप्पुरम के एडवन्ना के 38 वर्षीय व्यक्ति में 18 सितंबर को मंकीपॉक्स की पुष्टि हुई थी। हालांकि, उसका संक्रमण वायरस के क्लेड 1बी स्ट्रेन के कारण हुआ था। यह स्ट्रेन, डब्ल्यूएचओ द्वारा घोषित पब्लिक इमरजेंसी अलर्ट के तहत आता है। इसके बाद सभी जिलों में आइसोलेशन सुविधाएं स्थापित की गई हैं। साथ ही मॉनिटरिंग और कड़ा किया गया।
अब मंकीपॉक्स को एमपॉक्स के नाम से जाना जाता
एमपॉक्स, जिसे पहले मंकीपॉक्स के नाम से जाना जाता था। यह ऑर्थोपॉक्सवायरस जीनस की एक प्रजाति मंकीपॉक्स वायरस के कारण होने वाली एक वायरल बीमारी है। वायरस के दो अलग-अलग क्लैड हैं: क्लैड I (उपक्लैड Ia और Ib के साथ) और क्लैड II (उपक्लैड IIa और IIb के साथ)।
जानिए क्या है मंकीपॉक्स?
मंकीपॉक्स, स्मालपॉक्स की तरह से ही एक वायरल इंफेक्शन है। यह चूहों या खासतौर पर बंदरों से इंसानों में फैलता है। जानवरों में संक्रमण होने के बाद यह मनुष्यों में फैलता है। संक्रमित व्यक्ति को आइसोलेशन में रखा जाता है। यह कोरोना की तरह एक दूसरे में फैल सकता है।
मंकीपॉक्स के लक्षण और बचाव क्या है?
मंकीपॉक्स संक्रमित व्यक्ति को बुखार आता है। इसी के साथ उसके शरीर पर भी चक्कते पड़ने लगते हैं। सिरदर्द आदि भी होता है। यह वायरस आंख, नाक और मुंह के जरिए शरीर में दाखिल होता है।
यह भी पढ़ें:
हार्ट से लेकर आंख तक...रोज अंडे खाने के ये हैं 10 गजब के फायदे