सार
रिलायंस प्रमुख मुकेश अंबानी ने बद्रीनाथ और केदारनाथ धाम की यात्रा कर 5 करोड़ रुपये का दान दिया। यह राशि मंदिरों के विकास और श्रद्धालुओं के लिए बुनियादी सुविधाओं के लिए इस्तेमाल की जाएगी।
देहरादून: रिलायंस इंडस्ट्रीज के प्रमुख और भारत के सबसे अमीर व्यक्ति मुकेश अंबानी 20 अक्टूबर को उत्तराखंड के दो पवित्र धामों, बद्रीनाथ और केदारनाथ के दर्शन के लिए पहुंचे। इस धार्मिक यात्रा के दौरान उन्होंने दोनों धामों में 5 करोड़ रुपये का दान दिया। रविवार सुबह श्री बद्रीनाथ धाम पहुंचने पर मंदिर के पुजारियों और प्रबंधन समिति के सदस्यों ने उनका स्वागत किया।
श्री बद्रीनाथ धाम को भगवान विष्णु का निवास माना जाता है और यह देश के प्रमुख हिंदू तीर्थस्थलों में से एक है। उत्तराखंड के चार धामों में से एक, बद्रीनाथ में हर साल लाखों श्रद्धालु आते हैं। धार्मिक अनुष्ठानों के बाद, मुकेश अंबानी ने देश की प्रगति, शांति और समृद्धि के लिए विशेष प्रार्थना की। यह उत्तराखंड के चार धामों में से एक है। बद्रीनाथ, विष्णु का निवास है, जबकि केदारनाथ, भगवान शिव का पवित्र धाम है। यह धाम हिमालय की ऊंचाई पर स्थित है और अपनी धार्मिक मान्यताओं और प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है। दोनों धामों में मुकेश अंबानी ने विशेष पूजा-अर्चना की।
बद्री-केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने मुकेश अंबानी का स्वागत करते हुए कहा कि उनके आगमन से धाम का महत्व और बढ़ गया है। अंबानी ने अपने परिवार की ओर से दोनों मंदिरों के लिए कुल 5 करोड़ रुपये का दान दिया है। यह राशि मंदिर के विकास कार्यों में उपयोग की जाएगी। उन्होंने अंबानी की उदारता के लिए मंदिर प्रशासन और श्रद्धालुओं की ओर से आभार व्यक्त किया।
दोनों धामों में विशेष पूजा के बाद मुकेश अंबानी ने कहा कि भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और धार्मिक आस्था देश की असली ताकत है। बद्रीनाथ और केदारनाथ धाम सिर्फ धार्मिक स्थल ही नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति और परंपरा के प्रतीक हैं। सभी श्रद्धालुओं को इन स्थलों की पवित्रता बनाए रखनी चाहिए।
मुकेश अंबानी द्वारा दान किए गए 5 करोड़ रुपये का उपयोग मंदिर के विकास कार्यों में किया जाएगा। धाम के पुनर्निर्माण, श्रद्धालुओं के लिए सुविधाएं, सुरक्षा व्यवस्था और स्वच्छता कार्यों में इस राशि का उपयोग होगा। दोनों पवित्र धामों में बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं और यह राशि श्रद्धालुओं को बुनियादी सुविधाएं प्रदान करने में मदद करेगी, ऐसा मंदिर प्रशासन ने बताया है।