सार

सुरक्षाबलों (Security Forces) की फायरिंग (Nagaland Firing) में 14 मजदूरों की मौत के बाद आदिवासी यूनियन (Tribal Union) ने मांग की है कि 27 असम राइफल्स तुरंत मोन (MON) को खाली कर दे, क्योंकि वह नागरिक सुरक्षा करने में असफल रहे हैं। आदिवासी निकाय ने सशस्त्र बल (AFSPA) कानून को पूरे पूर्वोत्तर क्षेत्र से हटाने की भी मांग की है। 

कोहिमा। नगालैंड (Nagaland) के आदिवासी निकाय कोन्याक यूनियन (KU) ने सेना की कार्रवाई में 14 आम नागरिकों की मौत के विरोध में मंगलवार को मोन जिले में दिन भर बंद रखा। घटना के विरोध में यहां अगले सात दिनों तक का शोक रखा गया है। KU ने सुरक्षा बलों से कहा है कि अगले सात दिनों तक शोक की अवधि में इस इलाके में गश्त नहीं करें। संगठन ने चेतावनी दी है कि यदि सुरक्षाबल हमारे शोक का सम्मान नहीं करते हैं और गश्त करने आते हैं तो किसी भी अप्रिय घटना के लिए वे खुद जिम्मेदार होंगे।

राष्ट्रपति से SIT गठित करने की मांग 
केयू ने सोमवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को एक पत्र भेजा। इसमें उसने राष्ट्रपति से घटना को लेकर एक विशेष जांच दल (SIT) गठित करने की अपील की है। उन्होंने मांग की है कि इस एसआईटी में ईस्टर्न नगालैंड पीपुल्स ऑर्गनाइजेशन (ENPO) के दो सदस्य भी शामिल हों। केयू की मांग है कि घटना में शामिल सैनिकों की पहचान करें और उनके खिलाफ क्या कार्रवाई की गई, 30 दिन में इसकी जानकारी दी जाए। 

27 असम रायफल को मोन जिले से हटाएं 
केयू ने मांग की है कि 27 असम राइफल्स तुरंत मोन को खाली कर दे, क्योंकि वह नागरिक सुरक्षा करने में असफल रहे हैं। आदिवासी निकाय ने सशस्त्र बल (विशेष अधिकार) कानून को पूरे पूर्वोत्तर क्षेत्र से हटाने की भी मांग की है। 

मोन जिले में दिन भर का शांतिपूर्ण बंद 
केयू के अध्यक्ष होइंग कोन्याक ने कहा - हमने मंगलवार को मोन जिले में एक दिन का बंद रखा है। यह शांतिपूवर्क चल रहा है। हमने बुधवार से 7 दिनों के शोक की भी घोषणा की है।केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा संसद में दिए गए बयान के बारे में पूछे जाने पर कोन्याक ने कहा- हम उनके बयान को स्वीकार करने या खारिज करने की स्थिति में नहीं हैं। हम अपने लोगों की नृशंस हत्या से दुखी हैं। असम में इलाज करा रहे दो लोगों के होश में आने के बाद ही पता लगेगा कि वास्तव में क्या हुआ। 

हॉर्निबल उत्सव नहीं करेगी सरकार 
नगालैंड कैबिनेट ने 14 नागरिकों के मारे जाने की घटना को लेकर हॉर्नबिल उत्सव नहीं करने का फैसला लिया है। कैबिनेट में यह भी फैसला हुआ कि राज्य ‘सशस्त्र बल विशेष अधिकार कानून' (APSPA) को रद्द करने की मांग करते हुए केंद्र को पत्र लिखेगा। 

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