सार

नीट पेपरलीक केस की जांच कर रही सीबीआई ने गुरुवार को एम्स पटना के चार डॉक्टर्स को अरेस्ट किया। गिरफ्तार किए गए डॉक्टर्स पर पेपर सॉल्वर गैंग का सदस्य होने का आरोप है।

 

CBI arrested AIIMS doctors: नीट पेपरलीक की जांच कर रही सीबीआई ने गुरुवार को बड़ी कार्रवाई की है। सीबीआई ने पेपर लीक से कथित तौर पर जुड़े एम्स पटना के चार डॉक्टर्स को अरेस्ट किया है। गिरफ्तार किए गए एम्स के डॉक्टर्स पर आरोप है कि यह लोग पेपर साल्व करने में शामिल रहे हैं। बताया जा रहा है कि चारों एमबीबीएस के स्टूडेंट हैं। पटना एम्स पहुंची सीबीआई ने पहले चंदन सिंह से पूछताछ की और फिर उसके बाद चारों को अरेस्ट किया है। 

NEET पेपर कथित तौर पर साल्व करने वाले ये हैं AIIMS के डॉक्टर्स

नीट पेपरलीक की जांच कर रही सीबीआई ने एम्स के चार एमबीबीएस स्टूडेंट्स को पेपर साल्व करने के आरोप में अरेस्ट किया है। चारों डॉक्टर्स पर आरोप है कि इन लोगों का कनेक्शन सॉल्वर गैंग से है और इनके द्वारा लीक पेपर को साल्व किया गया था। अरेस्ट चारों के नाम करन जैन, राहुल आनंद, कुमार शानू और चंदन सिंह है। राहुल आनंद, कुमार शानू और चंदन सिंह एम्स पटना के एमबीबीएस थर्ड ईयर के स्टूडेंट्स हैं जबकि करन जैन एमबीबीएस सेकेंड ईयर का स्टूडेंट है। चंदन सिंह सीवान, कुमार शानू पटना, राहुल आनंद धनबाद का रहने वाला है जबकि करन जैन अररिया का रहने वाला है। चंदन सिंह से पूछताछ के बाद सीबीआई ने अन्य तीनों को भी अरेस्ट किया है।

नीट परीक्षा के साथ ही शुरू हुआ था विवाद

NEET-UG परीक्षा शुरू से ही विवादों में रहा है। परीक्षा कराए जाने के दौरान पेपर लीक का आरोप लगा लेकिन सरकार लगातार इससे नकारती रही। एनटीए द्वारा संचालित स्नातक चिकित्सा कार्यक्रमों के लिए 5 मई को आयोजित नीट-यूजी 2024 परीक्षा में लगभग 23 लाख छात्रों ने भाग लिया था। परीक्षा का रिजल्ट 4 जून को जब जारी किया तो विवाद और गहरा गया। दरअसल, 67 छात्रों के 720 अंक लाने के बाद विवाद खड़ा हो गया। आधा दर्जन से अधिक स्टूडेंट्स तो एक ही सेंटर के थे। देशव्यापी आंदोलन शुरू हो गया। हजारों की संख्या में छात्र सड़कों पर आ गए। विपक्ष ने भी नीट को मुद्दा बना दिया। अब पेपर लीक और रिजल्ट दोनों को लेकर सरकार घिरने लगी। हालांकि, इसके बाद भी शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान पेपर लीक से नकारते रहे।

उधर, अधिक मार्क पाने वाले स्टूडेट्स को लेकर नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने स्पष्ट किया कि उन्होंने गलत प्रश्न और उम्मीदवारों को प्रश्नपत्र देरी से मिलने के कारण कुछ छात्रों को ग्रेस मार्क्स दिए थे। पर प्रश्नपत्र लीक होने और 1,500 से अधिक छात्रों को ग्रेस अंक दिए जाने के दावों के बीच नीट का विवाद बढ़ता ही गया। देश के विभिन्न हाईकोर्ट्स और सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दायर हुईं। सुप्रीम कोर्ट सख्त हुआ तो सरकार और एजेंसी बैकफुट पर आई। उधर, शिक्षा मंत्री के दावों के बीच बिहार और कई अन्य राज्यों में पेपर लीक गिरोह का भंड़ाफोड़ शुरू हो गया। लगातार बढ़ रहे दबाव और सामने आ रहे सबूतों के बाद धर्मेंद्र प्रधान ने स्वीकार किया कि गड़बड़ियां हुईं हैं। इसके बाद उन्होंने एक हाईलेवल कमेटी के गठन का ऐलान करते हुए निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया। फिर सीबीआई जांच का आदेश हुआ।

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