सार

भारत का नया संसद भवन 12 सौ करोड़ रुपये में बनकर तैयार हुआ है। इसे रिकॉर्ड 28 महीने में बनाकर तैयार किया गया है। इस नए संसद भवन को बनाने में 60 हजार से अधिक श्रमिकों ने काम किया है।

New Parliament Building: देश की नई संसद बनकर तैयार है। रिकॉर्ड 28 महीनों में नया संसद भवन बनाया गया। नए संसद भवन के निर्माण में उपयोग की गई निर्माण सामग्रियां देश के विभिन्न राज्यों से उनकी विशेषताओं को देखते हुए मंगाए गए हैं। यूं कहें कि नया संसद भवन, एक भारत-श्रेष्ठ भारत की भावना को आत्मसात करता है। क्योंकि लोकतंत्र के इस मंदिर के निर्माण के लिए पूरे देश से कोई न कोई सामग्री आई है।

कहां से क्या लाया गया...

नए भवन में उपयोग की गई सागौन की लकड़ी को महाराष्ट्र के नागपुर से मंगाया गया है। राजस्थान के सरमथुरा से बलुआ पत्थर (लाल और सफेद) मंगाकर लगाया गया है। संसद भवन में बिछाए जा रहे कालीन यूपी के मशहूर मिर्जापुर के हैं। तो यहां बनें लकड़ी के फर्श को त्रिपुरा के अगरतला से बांस मंगाकर बनवाया गया है। यूपी के नोएडा व राजस्थान के राजनगर से स्टोन जाली वर्क्स का काम कराया गया है। अशोक चिन्ह को बनवाने के लिए महाराष्ट्र के औरंगाबाद और राजस्थान के जयपुर का योगदान है। जबकि मध्य प्रदेश के शहर इंदौर से अशोक चक्र बनवाया गया है। मुंबई से संसद भवन के लिए फर्नीचर मंगाए गए हैं। जैसलमेर के लाखा से लाल लाखा आया है। इसी तरह राजस्थान के अंबाजी से सफेद संगमरमर मंगाकर लगवाया गया है। केशरिया ग्रीन स्टोन को उदयपुर से मंगाया है। पत्थर की नक्काशी का काम आबू रोड और उदयपुर से कराया गया है तो पत्थर राजस्थान के कोटपुतली से। एम-सैंड को हरियाणा के चकरी दादरी से तो फ्लाई ऐश ब्रिक्स को एनसीआर, हरियाणा और यूपी से मंगाया गया है। ब्रॉस वर्क और प्री-कास्ट ट्रेंच गुजरात के अहमदाबाद से कराए गए हैं तो लोकसभा व राज्यसभा की फाल्स सीलिंग दमन-दीव से कराया गया है।

12 सौ करोड़ रुपये की लागत से बनकर तैयार है नया संसद भवन

भारत का नया संसद भवन 12 सौ करोड़ रुपये में बनकर तैयार हुआ है। इसे रिकॉर्ड 28 महीने में बनाकर तैयार किया गया है। इस नए संसद भवन को बनाने में 60 हजार से अधिक श्रमिकों ने काम किया है। नई दिल्ली के दिल में यह नया संसद भवन यानि न्यू पार्लियामेंट बिल्डिंग 64,500 वर्ग मीटर एरिया में फैला हुआ है। गुजरात की आर्किटेक्ट कंपनी ने इसका डिजाइन तैयार किया है। इसके मुख्य आर्किटेक्ट बिमल पटेल हैं। 10 दिसंबर 2020 को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के अंतर्गत तैयार हुए नए संसद भवन का शिलान्यास किया था। 15 जनवरी 2021 से निर्माण इसका शुरू हुआ था।

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