सार

नया संसद भवन (New Parliament Building) बनकर तैयार हो चुका है और 28 मई को यह देश के नाम समर्पित हो जाएगा। नया संसद कई मायनों में महत्वपूर्ण है क्योंकि यह आने वाली पीढ़ियों को नए भारत के इतिहास से रूबरू कराएगा।

New Parliament Building. नए संसद भवन का निर्माण पूरा हो चुका है और 28 मई 2023 को इसका उद्घाटन कर दिया जाएगा। नया संसद भवन नये भारत की बुलंद तस्वीर दुनिया के सामने रखने वाला है। इतना ही आने वाली पीढ़ियों को नया संसद भवन भारत के भव्य इतिहास से रूबरू कराएगा। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह कितने दिनों में बनकर तैयार हुआ है? इस नए संसद भवन की लागत कितनी है और इसका डिजाइन किसने तैयार किया है? जानें ऐसे ही कुछ रोचक फैक्ट्स।

नए भारत के इतिहास और आत्मनिर्भरता का साक्षी नया संसद भवन

नया संसद भवन सिर्फ एक बिल्डिंग ही नहीं है बल्कि यह नए भारत के शानदार इतिहास का साक्षी है। देश में आने वाली पीढ़ियां नए संसद भवन की भव्यता देखकर यह जान पाएंगी कि कैसे 21वीं सदी का भारत नए-नए अध्याय लिख रहा था। इतना ही नहीं इस बिल्डिंग का डिजाइन भारतीय कंपनी और भारतीय लोगों ने तैयार किया है। इसके निर्माण में राजस्थान के जयपुर और जालौर की खूबसूरत मार्बल ग्रेनाइट का प्रयोग किया गया है। यानि यह पूरी तरह से आत्मनिर्भर भारत का आधार है। पहले इस तरह की बड़ी और महत्वपूर्ण इमारतों का निर्माण ज्यादातर विदेशी फर्म्स द्वारा कराया जाता था लेकिन यह संसद भवन पूरी तरह से भारतीयता के रंग में रंगा हुआ है।

28 मई को होगा नए संसद भवन का उद्घाटन

देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई 2023 को नए संसद भवन का उद्घाटन करेंगे। इस दौरान लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और राज्यसभा के उप सभापति हरिबंश सहित कई सीनियर मिनिस्टर्स भी मौजूद रहेंगे। इसके अलावा देश की सभी राजनैतिक पार्टियों को निमंत्रण भेजा गया है। लेकिन करीब डेढ़ दर्जन विपक्षी पार्टियों ने उद्घाटन कार्यक्रम का बहिष्कार करने का ऐलान कर दिया है। हालांकि 25 से ज्यादा राजनैतिक दल इस कार्यक्रम में शिरकत करेंगे।

त्रिभुजाकार क्यों बनाया गया है नया संसद भवन

नया संसद भवन करीब 65,000 वर्गमीटर में बनाया गया है और इसका त्रिभुजाकार आकर इसलिए बनाया गया है ताकि इसके हर स्थान का उपयोग किया जा सके। 64,500 वर्गमीटर में फैले नए संसद भवन की हरियाली आपको आकर्षित करेगी लेकिन यहां पर घूमना-फिरना आसान नहीं होगा। क्योंकि बिना विजिटर पास के कोई भी आम नागरिक संसद भवन में एंट्री नहीं कर पाएंगे। संसद भवन के चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा के आधुनिकतम उपकरण लगाए गए हैं।

नए संसद भवन के निर्माण से जुड़े कुछ रोचक तथ्य

नए संसद भवन के निर्माण पर 1200 करोड़ रुपए का खर्च

  • नए संसद भवन को रिकॉर्ड 28 महीने में तैयार किया गया
  • नए संसद भवन में एक साथ 1280 सांसद बैठ सकते हैं
  • नया संसद भवन भूकंपरोधी है और यह किसी भी झटके को सहेगा
  • नए संसद भवन में जयपुर-जालोर के ग्रेनाइट का इस्तेमाल हुआ
  • नए संसद भवन का डिजाइन, लेआउट भारतीय फर्म ने बनाया
  • इस प्रोजेक्ट का नाम सेंट्रल विस्टा रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट है
  • नए संसद भवन के निर्माण में 60,000 श्रमिकों का श्रम लगा है
  • नया संसद भवन 64,500 वर्गमीटर में फैला हुआ है
  • नए संसद भवन को पर्यावरण के अनुकूल तैयार किया गया है
  • ग्रैंड कांस्टीट्यूशन हॉल भारत के लोकतांत्रिक विरासत का साक्षी
  • सांसदों के लिए लाउंज, लाइब्रेरी, पार्किंग, मल्टीपल कमेटी रूम
  • राज्यसभा में 384 सीटें, लोकसभा में 888 सीटें सांसदों के लिए हैं
  • नए संसद भवन में हर सांसद की सीट पर मल्टीमीडिया डिस्प्ले
  • नए संसद भवन में बिजली की खपत 30 प्रतिशतक कम होगी
  • नए संसद भवन में मीडियाकर्मियों के लिए 530 सीटें बनी हैं
  • नए संसद भवन में आम आदमी को कई सुविधाएं दी जाएंगी
  • संसद की कार्यवाही के लिए गैलरी की सुविधा, पब्लिक गैलरी है

क्या है नए संसद भवन की क्षमता और कितना है निर्माण बजट

नए संसद भवन के निर्माण पर करीब 1200 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। इसका शुरूआती बजट 1000 करोड़ से भी कम था लेकिन बाद में इसकी कॉस्ट बढ़ा दी गई। नए संसद भवन में लोकसभा का आकार राज्यसभा से ज्यादा है। राज्यसभा में कुल 384 सांसदों के बैठने की जगह तय की गई है। जबकि दोनों सदनों की संयुक्त मीटिंग के दौरान कुल 1280 सांसद एक साथ बैठ सकते हैं। संसद भवन का कांफ्रेस हाल वुडेन फ्लोरिंग से लैस है जबकि फ्लोर पर भदोही की हाथ से बुनी हुई कालीनें बिछाई गई हैं।

रिकॉर्ड 28 महीने में बनकर तैयार हुआ है नया संसद भवन

नए संसद भवन का 28 नंबर से बहुत बड़ा कनेक्शन है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 दिसंबर 2020 को नए संसद भवन के निर्माण की आधारशिला रखी थी और अब 28 मई 2023 को इसका उद्घाटन भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। नया संसद भवन 28 महीने के रिकॉर्ड समय में तैयार किया गया है। इसमें 60,000 से ज्यादा श्रमिकों ने काम किया है। जबकि पुराने संसद भवन के निर्माण में 7 साल का वक्त लग गया था। 1921 में पुराने संसद भवन का निर्माण शुरू हुआ और यह 1927 में बनकर तैयार हुआ था। नया संसद भवन बनने में 28 महीने का ही वक्त लगा है।

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