सार
पश्चिम बंगाल के मालदा में FICN की बरामदगी के मामले में एक फरार नकली भारतीय मुद्रा नोट (FICN) तस्कर को गिरफ्तार किया गया है।
कोलकाता। एनआईए ने रविवार को बड़ी कार्रवाई की है। पश्चिम बंगाल के मालदा में FICN की बरामदगी के मामले में एक फरार नकली भारतीय मुद्रा नोट (FICN) तस्कर को गिरफ्तार किया गया है। यह कार्रवाई बीएसएफ के साथ संयुक्त अभियान में किया गया है।
काफी दिनों से फरार चल रहा था तस्कर
मालदा में शनिवार को बीएसएफ के साथ संयुक्त अभियान में एनआईए ने एक कुख्यात को गिरफ्तार किया है। उसके खिलाफ एनआईए ने RC-23/2019/NIA/DLI के तहत केस दर्ज किया था केंद्रीय जांच एजेंसी के अनुसार तस्कर काफी दिनों से फरार चल रहा था।
नकली नोट की तस्करी करता था
एनआईए के अनुसार इस तस्कर के खिलाफ 16 सितंबर 2019 डीआरआई यूनिट मालदा की तरफ से कब्जे से 1 लाख 99 हजार के नकली बरामद करने का मामला दर्ज किया गया था।
डीआरआई के बाद एनआईए ने जांच शुरू की थी
एनआईए ने मामले को आरसी-23/2019/एनआईए/डीएलआई के रूप में फिर से पंजीकृत किया और 29.10.2019 को जांच शुरू की थी। NIA ने FICN तस्करी में उसकी भूमिका के लिए अलाडू नाम के तस्कर सहित 04 आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था।
वह अपने बांग्लादेशी सहयोगियों से हाई क्वालिटी वाले नकली भारतीय मुद्रा नोट की खरीद में शामिल था और देश की आर्थिक स्थिरता को नुकसान पहुंचाने के इरादे से इसे भारत में प्रसारित कर रहा था। गिरफ्तार आरोपी अलाडू 2019 से फरार था।
क्या कहा एनआईए अधिकारी ने?
एनआईए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि उन्होंने पिछले हफ्ते गिरोह का भंडाफोड़ किया था और एक सहयोगी को गिरफ्तार किया था, लेकिन वह एजेंसी को चकमा देने में कामयाब रहा और तब से वे उसे पकड़ने के लिए काम कर रहे थे। डीआरआई यूनिट मालदा, पश्चिम बंगाल द्वारा एक आरोपी के कब्जे से 1,99,000 रुपये के उच्च गुणवत्ता वाले नकली भारतीय मुद्रा नोटों की बरामदगी के संबंध में मामला पहले ही दर्ज किया गया था। इसके बाद, एनआईए ने मामला फिर से दर्ज किया था और जांच शुरू कर दी थी।
जांच पूरी करने के बाद, एनआईए ने अलाडु सहित चार आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ FICN तस्करी में उनकी भूमिका के लिए आरोप पत्र दायर किया था। एनआईए ने अपने दावे को साबित करने के लिए कई सबूत और बरामदगी दिखाई थी। इसके अलावा एनआईए ने अभियोजन पक्ष के मामले को साबित करने के लिए कई गवाहों के बयानों का भी जिक्र किया था।
NIA ने पाया कि अलाडू अपने बांग्लादेशी सहयोगियों से उच्च गुणवत्ता वाले एफआईसीएन की खरीद में शामिल था। वह देश की आर्थिक स्थिरता को नुकसान पहुंचाने के इरादे से भारत में इसे प्रसारित कर रहा था।
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