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5 घंटे में 46 किमी का सफर, भारत की अनोखी रेल

बुलेट ट्रेन, हाईस्पीड रेल की आजकल ज़्यादा माँग है। कितनी भी दूर का सफर हो, झटपट पहुँचना है। समय की बचत होनी चाहिए। लेकिन भारत की यह रेल इसके बिल्कुल उलट है। सिर्फ़ 46 किलोमीटर के सफर में यह रेल पूरे 5 घंटे लेती है। 

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Rohan Salodkar
Published : Dec 02 2024, 07:17 PM IST
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भारतीय रेलवे की हर ट्रेन में कोई न कोई ख़ासियत होती है। सबसे ज़्यादा यात्रियों वाला रूट, सबसे तेज़ रेल, सबसे ज़्यादा स्टॉप वाली रेल, साल में सिर्फ़ दो बार रुकने वाला स्टेशन, ऐसी कई ख़ासियतें हैं। भारत की इस ख़ास रेल का सफर बेहद धीमा है। यानी 46 किलोमीटर के सफर में यह रेल पूरे 5 घंटे लेती है। यहाँ रेल सिर्फ़ 9 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से चलती है। 

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यह अनोखी रेल नीलगिरि की पहाड़ियों के बीच चलती है। तमिलनाडु की नीलगिरि माउंटेन रेल में कई ख़ासियतें हैं। यह रेल बेहद धीमी गति से, यानी 9 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से चलती है। तेज़ चलने पर इससे ज़्यादा दूरी तय की जा सकती है। लेकिन इतनी धीमी गति से चलने पर भी इस रेल के यात्रियों को बोरियत नहीं होती।

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यह नीलगिरि माउंटेन रेल मेट्टुपालयम से ऊटी तक चलती है। 46 किलोमीटर का सफर बेहद रोमांचक होता है। इतनी धीमी गति से चलने का मुख्य कारण यह है कि पूरा 46 किलोमीटर का सफर पहाड़ियों के बीच से होकर गुज़रता है। इतना ही नहीं, यह मीटर गेज रेल रूट है। 
 

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इस 46 किलोमीटर के रेल मार्ग में 16 सुरंगें, 250 पुल और 208 ख़तरनाक मोड़ हैं। मेट्टुपालयम-कल्लार और कुन्नूर-उदकमंडलम नॉन रॉक रेल मार्ग पर रेल 30 किमी प्रति घंटे की रफ़्तार से चलती है, जबकि कल्लार और कुन्नूर के बीच अधिकतम गति सीमा 13 किलोमीटर प्रति घंटा है। 
 

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पहाड़ी इलाकों में रेल बहुत धीमी गति से चलती है। लेकिन यहाँ यात्रियों को कभी बोरियत या निराशा नहीं होती। क्योंकि इस 46 किलोमीटर के सफर में प्रकृति के बीच कई ख़ूबसूरत जगहें देखने को मिलती हैं। घने जंगल, झरने, खाई, मैदान जैसी कई रमणीय जगहें देखी जा सकती हैं।

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बारिश के मौसम में इस रेल का सफर और भी ज़्यादा मज़ेदार होता है। लेकिन उतना ही ख़तरनाक भी। नीलगिरि क्षेत्र में औसतन 1250 मिमी बारिश होती है। उदकमंडलम में 1400 मिमी बारिश होती है। इसलिए इस समय रेल का सफर ज़्यादा आनंददायक होता है।  
 

About the Author

RS
Rohan Salodkar
रोहन सालोडकर। मीडिया में 13 साल से ज्यादा का अनुभव। 2019 से एशियानेट न्यूज हिंदी में कार्यरत हैं। करियर की शुरुआत इन्होंने लोकमत न्यूज़ पेपर, मुंबई से की। दैनिक भास्कर, भोपाल में भी ये सेवाएं दे चुके हैं, यहां पर इन्होंने डिजिटल न्यूज़, सोशल मीडिया, वीडियोज के लिए ग्राफिक्स डिज़ाइन का काम किया। ग्राफ़िक डिजाइनिंग के साथ कंटेंट ऑपरेशन्स, सुपरविजन, राइटिंग और वीडियो एडिटिंग में भी इनका हाथ मजबूत है। इन्होंने B.Com टैक्सेशन किया हुआ है।
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