सार

निर्भया को आखिरकार 7 साल बाद न्याय मिल ही गया। चारों दोषियों को सुबह 5.30 बजे तिहाड़ जेल में फांसी दे दी गई। इससे पहले गुरुवार को तमाम कानूनी दांव पेंच चल फांसी को फिर से टालने की काफी कोशिश की, लेकिन उनकी सभी चालें विफल रहीं। सुप्रीम कोर्ट ने रात 3.30 बजे आखिरी याचिका भी रद्द कर दी।

नई दिल्ली. निर्भया को आखिरकार 7 साल बाद न्याय मिल ही गया। चारों दोषियों को सुबह 5.30 बजे तिहाड़ जेल में फांसी दे दी गई। इससे पहले गुरुवार को तमाम कानूनी दांव पेंच चल फांसी को फिर से टालने की काफी कोशिश की, लेकिन उनकी सभी चालें विफल रहीं। सुप्रीम कोर्ट ने रात 3.30 बजे आखिरी याचिका भी रद्द कर दी। इसके बाद चारों को फांसी दी गई।  दक्षिण दिल्ली में चलती बस में 16-17 दिसंबर, 2012 की रात में 23 साल की निर्भया से 6 लोगों ने बर्बरता पूर्वक सामूहिक बलात्कार किया था और उसे बुरी तरह जख्मी हालत में सड़क पर फेंक दिया था। निर्भया के प्राइवेट पार्ट में रॉड डाली गई थी। उसकी आंते बाहर निकल आई थीं। यहां तक की निर्भया घटना के बाद पानी भी नहीं पी पाती थी। निर्भया की 29 दिसंबर, 2012 को सिंगापुर में माउन्ट एलिजाबेथ अस्पताल में मौत हो गई थी। इस घटना को सात साल बीत गए। 

ऐसे बीतते चले गए 7 साल...

2012
16 दिसंबर : 6 लोगों ने निर्भया के साथ रेप किया, इनमें एक नाबालिग था

2013
पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की

11 मार्च- दोषी राम सिंह ने जेल में आत्महत्या की

31 अगस्त- नाबालिग को 3 साल सुधार गृह की सजा
13 सितंबर- चारों दोषियों को मौत की सजा


2014
13 मार्च- दिल्ली हाईकोर्ट ने मौत की सजा बरकरार रखी

2016
3 अप्रैल - सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई

2017
5 मई- सुप्रीम कोर्ट ने फांसी की सजा बरकरार रखी

2018
जुलाई -SC ने तीन दोषियों की रिव्यू पिटीशन खारिज की

2019

8 नवंबर- दोषी विनय शर्मा ने दया याचिका लगाई
6 दिसंबर- गृह मंत्रालय ने खारिज करने की सिफारिश की
10 दिसंबर- चौथे दोषी ने रिव्यू पिटीशन दाखिल की
18 दिसंबर- SC ने याचिका खारिज की

2020

7 जनवरी: कोर्ट ने डेथ वारंट जारी किया। 22 जनवरी को सुबह 7 बजे फांसी की तारीख तय की गई।
14 जनवरी : सुप्रीम कोर्ट ने मुकेश और विनय की क्यूरेटिव याचिका रद्द की। 
17 जनवरी: राष्ट्रपति ने मुकेश की दया याचिका खारिज की। 
इसी दिन पटियाला कोर्ट ने फांसी की नई तारीख तय की। नए डेथ वारंट के मुताबिक, 1 फरवरी को सुबह 6 बजे फांसी तय की गई। 
25 जनवरी : मुकेश दया याचिका खारिज होने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा। 
29 जनवरी : दोषी अक्षय कुमार ने क्यूरेटिव दाखिल की। वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने दया याचिका को खारिज करने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया।
30 जनवरी: अक्षय की क्यूरेटिव पिटीशन खारिज।
31 जनवरी: सुप्रीम कोर्ट ने पवन की उस याचिका को खारिज किया, जिसमें उनके नाबालिग होने के दावे को खारिज करने के फैसले को चुनौती दी थी। 
पटियाला कोर्ट ने फांसी पर रोक लगाई। 

फरवरी 2020

1 फरवरी- केंद्र सरकार अलग अलग फांसी देने की मांग की याचिका के साथ दिल्ली हाईकोर्ट पहुंची। 
- राष्ट्रपति ने विनय की दया याचिका खारिद की। 
5 फरवरी- हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार की याचिका को खारिज कर दिया। हालांकि, एक हफ्ते में सभी कानूनी विकल्प का इस्तेमाल करने के लिए कहा। 
- इसी दिन निर्भया मामले में दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ केंद्र पहुंचा सुप्रीम कोर्ट। हाई कोर्ट ने दोषियों को अलग-अलग फांसी की मांग ठुकरा दी थी
- अक्षय की दया याचिका राष्ट्रपति ने खारिज की।
- विनय शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई। इसमें उसने राष्ट्रपति के पास से दया याचिका खारिज होने को चुनौती दी। 
14 फरवरी: निर्भया के गुनाहगार विनय शर्मा की याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की।
25 फरवरी:- निर्भया के दोषियों को अलग-अलग फांसी की केंद्र की अर्ज़ी पर सुनवाई SC ने 5 मार्च के लिए टाली। 

मार्च 2020

2 मार्च : निर्भया के दोषी पवन की क्यूरेटिव याचिका खारिज। 
2 मार्च : पवन ने राष्ट्रपति के पास दया याचिका दाखिल की। 
4 मार्च: राष्ट्रपति ने पवन की दया याचिका खारिज की। 
5 मार्च: दिल्ली की पटियाला कोर्ट ने नया डेथ वारंट जारी किया। अब 20 मार्च को फांसी होनी है।

7 मार्च : दोषी मुकेश ने फिर से क्यूरेटिव याचिका दाखिल करने की इजाजत मांगी है।
9 मार्च:  दोषी विनय ने दिल्ली के LG को भेजी अर्जी। फांसी की सजा को घटाकर उम्र कैद करने की मांग की।
11 मार्च : निर्भया के दोषी पवन ने दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट में अर्जी लगाई। दावा कि उसके साथ मंडावली जेल में 2 सिपाहियों ने मारपीट की थी। 14 टांके आए थे। इस मामले में कोर्ट से एफआईआर दर्ज कराने की मांग की। 

15 मार्च: निर्भया केस के चारों दोषियों के परिवार ने राष्ट्रपति से अपने लिए इच्छा मृत्यु की इजाजत मांगी।

16 मार्च: निर्भया केस। SC ने दोबारा क्यूरेटिव लगाने की अनुमति मांगने वाली मुकेश की अर्ज़ी सुनने से मना किया

16 मार्च: निर्भया मामले में दोषियों के वकील ने मामला इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस में रखा गया है।

17 मार्च- राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने निर्भया केस के दोषी मुकेश की माँ की अर्ज़ी ठुकराई। अर्ज़ी में मुकेश के भाई और मामले के मुख्य आरोपी राम सिंह की तिहाड़ जेल में मौत की सही जांच नहीं होने की बात की गई थी। 

19 मार्च:  दिन भर चला कानूनी दांव पेंच का खेल

- सबसे पहले दोषी पवन गुप्ता की क्यूरेटिव याचिका दायर की, इसे सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दी। पवन ने दावा किया था कि वह जुर्म के वक्त नाबालिग था।
- इसके बाद पवन और अक्षय ने राष्ट्रपति के पास दूसरी दया याचिका दायर की। इसपर विचार करने से राष्ट्रपति ने मना कर दिया। 
- सुप्रीम कोर्ट में एक अन्य दोषी मुकेश पहुंचा। मुकेश ने अपराध में खुद की भूमिका नहीं बताते हुए रिकॉर्ड की दोबारा जांच की मांग की। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी।
- अक्षय ने भी याचिका दाखिल की। राष्ट्रपति की तरफ से दया याचिका ठुकराए जाने को चुनौती दी। कहा- प्रक्रिया का पालन नहीं हुआ। इसे भी सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी। 
- दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में डेथ वारंट पर रोक लगाने की मांग की। लेकिन कोर्ट ने इनकार कर दिया।
- पटियाला कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ रात 10 बजे हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। दो घंटे की दलीलों के बाद हाईकोर्ट ने इसे खारिज कर दिया।
- इसके बाद दोषी सुप्रीम कोर्ट पहुंचे। यहां दोषी पवन की ओर से याचिका लगाई गई, इसमें दावा किया गया कि घटना के वक्त वह नाबालिग था। हालांकि, कोर्ट ने 1 घंटे की सुनवाई के बाद इस याचिका को भी खारिज कर दिया गया।  

20 मार्च : दरिंदों को सुबह 5.30 बजे दी गई फांसी।