सार
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक बार फिर पाला बदलने को तैयार हैं। अटकलें लगाई जा रही हैं कि नीतीश कुमार शुक्रवार को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे सकते हैं और विधानसभा भंग करने की सिफारिश कर सकते हैं।
Bihar Political Crisis: बिहार के राजनीतिक अंदरखाने में कुछ चल रहा है। एक तरफ नीतीश कुमार ने अपने सभी विधायकों को पटना बुला लिया है तो दूसरी ओर बीजेपी बिहार के बड़े नेता दिल्ली पहुंच गए हैं। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के आवास पर भी सरगर्मी तेज है। दावा एक बड़े राजनैतिक उलटफेर की है। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक बार फिर पाला बदलने को तैयार हैं। अटकलें लगाई जा रही हैं कि नीतीश कुमार शुक्रवार को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे सकते हैं और विधानसभा भंग करने की सिफारिश कर सकते हैं।
तो क्या इंडिया गठबंधन से अलग होंगे नीतीश?
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बारे में कहा जा रहा है कि लोकसभा चुनाव 2024 के लिए तैयार किए गए विपक्षी मंच को वह छोड़ने जा रहा हैं। हालांकि, अभी तक आधिकारिक रूप से इसके बारे में कोई बयान सामने नहीं आया है। दरअसल, एनडीए से अलग होने और राजद के साथ मिलकर सरकार बनाने के बाद नीतीश कुमार ने देशभर के विपक्षी दलों को एकजुट करने का बीड़ा उठाया था। उन्होंने देश के प्रमुख विपक्षी दलों को मोदी सरकार के खिलाफ एकजुट करने के लिए पटना में पहली मीटिंग को होस्ट किया था। इसके बाद विपक्षी दलों के इंडिया गठबंधन की नींव पड़ी। हालांकि, करीब चार मीटिंग्स के बाद भी गठबंधन के एकधागा से सभी दल जुड़ नहीं सके हैं। सबसे बड़ी दरार बीते महीनों हुए पांच राज्यों के चुनाव के दौरान आई जब मध्य प्रदेश कांग्रेस नेता कमलनाथ ने समाजवादी पार्टी को एक भी सीट देने से मना करने के साथ ही खिलाफ बयान भी दे दिया था। वैसे चार राज्यों में हार के बाद सीडब्ल्यूसी की मीटिंग में राहुल गांधी ने अपने सभी नेताओं को नसीहत देते हुए क्षेत्रीय दलों को अधिक स्पेस देने की बात कही थी लेकिन बयानबाजियों का दौर किसी भी तरफ से कम नहीं हुई।
बीजेपी ने दिखाया नीतीश के लिए साफ्ट कार्नर
रिपोर्ट्स की मानें तो नीतीश कुमार को अपने पाले में चुनाव पहले लाने के लिए बीजेपी ने कई तरह से रणनीति बनाई है। नीतीश कुमार की वर्षों पुरानी मांग को मानते हुए पूर्व सीएम कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने का ऐलान किया तो बीते दिनों ही राज्यपाल ने नीतीश कुमार की सलाह पर विश्वविद्यालयों में कुलपति नियुक्त किया। इन फैसलों से यह साफ होता दिखा कि बीजेपी ने नीतीश कुमार को शीशे में उतारने के लिए साफ्ट कार्नर दिखाया है।
विधानसभा भंग करने और पीएम के साथ मंच शेयर करने की कयास
पटना में राजनीतिक तापमान इस सर्दी में भी चढ़ा हुआ है। नीतीश कुमार ने जेडीयू के सभी विधायकों को पटना बुला लिया है। बीजेपी ने भी अपने विधायकों को पटना तलब कर लिया है। आशंका जताई जा रही है कि नीतीश कुमार पद से इस्तीफा देने के साथ विधानसभा भंग करने की सिफारिश करेंगे। इसी के साथ वह इंडिया गठबंधन को छोड़ने के साथ एनडीए में शामिल हो सकते हैं। सूत्रों का दावा है कि नीतीश कुमार, चार फरवरी को एक रैली में पीएम मोदी के साथ मंच भी शेयर कर सकते हैं।
पिछले दस साल में कई बार एनडीए छोड़ चुके हैं नीतीश
नीतीश कुमार बिहार में 8वीं बार मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेकर सरकार चला रहे हैं। हालांकि, बीते दस साल में नीतीश कुमार, एनडीए और विपक्ष में लगातार आते-जाते रहे हैं। 2014 में नीतीश कुमार ने एनडीए छोड़ दिया था। 2015 में वह राजद के साथ मिलकर ग्रैंड अलायंस बनाकर चुनाव मैदान में उतरे थे। भारी बहुमत के साथ सरकार बनाए थे। लेकिन दो साल बाद ही वह महागठबंधन से अलग होकर 2017 में एनडीए में फिर शामिल हो गए थे। इसके बाद 2022 में फिर एनडीए को झटका देते हुए पद से इस्तीफा दे दिया और कुछ ही घंटों में राजद के साथ मिलकर मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली।
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