ओडिशा विधानसभा ने MLA की सैलरी 1.11 लाख से बढ़ाकर 3.45 लाख कर दी, जो देश में सबसे ज्यादा पैकेज है। 4 बिल पास कर मुख्यमंत्री, मंत्रियों, स्पीकर और एक्स-MLA की पेंशन भी तीन गुना बढ़ाई गई। नए प्रावधानों में 25 लाख सहायता और हर पांच साल में रिविजन शामिल।
भुवनेश्वर। ओडिशा में MLA की सैलरी को लेकर मंगलवार को एक बड़ा फैसला हुआ। राज्य विधानसभा ने एक ही दिन में चार बड़े बिल पास करके MLA, मुख्यमंत्री, मंत्रियों और पूर्व विधायकों की सैलरी को लगभग तीन गुना तक बढ़ा दिया। पहले जहां एक आम MLA को करीब 1.11 लाख रुपए महीना मिलता था, अब यह बढ़कर 3.45 लाख रुपए हो गया है। यह पूरे देश में सबसे ज्यादा मिलने वाले पैकेजों में गिना जाने लगा है। लेकिन सवाल यह है कि आखिर इतनी बड़ी बढ़ोतरी क्यों की गई? क्या इसके पीछे MLA की “पुरानी मांग”, बढ़ती जिम्मेदारियां या कोई छिपी राजनीतिक रणनीति काम कर रही है? यही वजह है कि यह फैसला लोगों में चर्चा का विषय बन गया है।
कब से लागू होगी MLA की बढ़ी सैलरी?
सरकार का कहना है कि यह बदलाव मौजूदा आर्थिक स्थिति और जनप्रतिनिधियों की बढ़ती जिम्मेदारियों को ध्यान में रखते हुए किया गया है। संसदीय कार्य मंत्री मुकेश महालिंग ने बताया कि यह बढ़ोतरी जून 2024 से लागू मानी जाएगी, यानी पिछली विधानसभा बनने के समय से। सभी पार्टियों ने इस बिल को एकमत से पास किया, और हर MLA ने इसे जरूरत का फैसला बताया।
MLA की सैलरी 3.45 लाख कैसे बनी? पैकेज में मिलते हैं कौन-कौन से फायदे?
नए बदलाव के बाद MLA को मिलने वाला पूरा पैकेज इस तरह है:
- मूल सैलरी: 90,000 रुपए
- चुनाव क्षेत्र/सेक्रेटेरियल अलाउंस: 75,000 रुपए
- कन्वेयंस अलाउंस: 50,000 रुपए
- किताबें और जर्नल्स: 10,000 रुपए
- बिजली अलाउंस: 20,000 रुपए
- ट्रैवलिंग अलाउंस: 50,000 रुपए
- मेडिकल अलाउंस: 35,000 रुपए
- टेलीफोन अलाउंस: 15,000 रुपए
इन सबको जोड़ने पर कुल पैकेज 3,45,000 रुपए महीना बनता है।
क्या इसलिए बढ़ाई गई MLA की सैलरी? जिम्मेदारियां बढ़ीं या राजनीति?
MLA का कहना है कि 2007 से वे लगातार सैलरी बढ़ाने की मांग कर रहे थे। उनका तर्क है कि
- महंगाई काफी बढ़ गई है,
- चुनावी और पब्लिक प्रेशर बेहद बढ़ चुका है,
- क्षेत्र में काम के खर्च पहले से कई गुना ज्यादा हो चुके हैं।
Ex-MLA को अब कितनी पेंशन मिलेगी?
पूर्व विधायकों का भी पूरा पैकेज बदल दिया गया है।
- मूल पेंशन: 80,000 रुपए
- मेडिकल अलाउंस: 25,000 रुपए
- ट्रैवलिंग अलाउंस: 12,500 रुपए
- कुल पेंशन: 1.17 लाख रुपए महीना
इसके अलावा हर टर्म पर 3,000 रुपए अतिरिक्त पेंशन मिलेगी।
मुख्यमंत्री, स्पीकर और मंत्रियों की सैलरी कितनी हुई?
- मुख्यमंत्री: 3,74,000 रुपए
- विधानसभा स्पीकर व डिप्टी मुख्यमंत्री: 3,68,000 रुपए
- कैबिनेट मंत्री और विपक्ष के नेता: 3,62,000 रुपए
- डिप्टी स्पीकर और राज्य मंत्री: 3,56,000 रुपए
- चीफ व्हिप: 3,62,000 रुपए
- डिप्टी चीफ व्हिप: 3,50,000 रुपए
इसके अलावा, एक प्रोविजन ऐसा भी है जो सरकार को ऑर्डिनेंस के जरिए भविष्य में सैलरी बढ़ाने की अनुमति देता है, यानी इसके लिए नया बिल लाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
क्या MLA की मौत पर परिवार को मिलेगी आर्थिक मदद?
हां। बिल में एक बड़ा बदलाव यह भी है कि अगर किसी मौजूदा MLA की मृत्यु हो जाती है, तो उसके परिवार को सरकार Rs 25 लाख की आर्थिक मदद देगी।
क्या यह फैसला जनता के हित में है या सिर्फ नेताओं की सुविधाओं के लिए?
सभी पार्टियों ने इन चारों बिलों का समर्थन किया, जो यह दिखाता है कि राजनीतिक सहमति इस मुद्दे पर पूरी तरह थी। MLAs का कहना है कि उनकी जिम्मेदारियां बढ़ी हैं और आर्थिक परिस्थितियों में भी काफी बदलाव हुआ है, इसलिए सैलरी का रिव्यू जरूरी हो गया था। वहीं, अपोज़िशन की चीफ व्हिप प्रमिला मलिक के अनुसार, “पेंशन बढ़ोतरी बूढ़े और बीमारी से जूझ रहे पूर्व MLAs के लिए राहत का काम करेगी।”


