सार
Jammu Kashmir Assembly election 2024 results: जम्मू-कश्मीर में एक दशक बाद जनता की चुनी गई सरकार बनने जा रही। नेशनल कांफ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन ने बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया है। नेशनल कांफ्रेंस नेता उमर अब्दुल्ला, केंद्र शासित प्रदेश के पहले सीएम बनने जा रहे हैं। पूर्व सीएम उमर अब्दुल्लाह के समर्थक और एनसी कार्यकर्ता जश्न में डूबे हुए हैं। हालांकि, जीत के जश्न में डूबी जम्मू-कश्मीर की आवाम के नए मुखिया का वैवाहिक जीवन बेहद तनावपूर्ण दौर से गुजर रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने भी राज्य के सबसे ताकतवर राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखने वाले उमर को उनकी पत्नी से तलाक की इजाजत देने के पहले अंतिम प्रयास कर रहा।
सुप्रीम कोर्ट ने तलाक की इजाजत के पहले क्या करने को कहा?
जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला और उनकी पत्नी पायल अब्दुल्ला की तलाक याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए बीते 30 अगस्त को दोनों के बीच सुलह कराने का अंतिम प्रयास करने की ठानी है। कोर्ट ने दोनों पति-पत्नी को दस सप्ताह तक मेडिटेशन सेंटर जाने का आदेश दिया है। कोर्ट इसके बाद 4 नवम्बर 2024 को इस मामले में सुनवाई करने का फैसला लिया है। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सुधांशु धूलिया और अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की बेंच ने सुनवाई की है।
हाईकोर्ट के फैसले को उमर अब्दुल्लाह ने दी है चुनौती
उमर अब्दुल्लाह ने पहले दिल्ली हाईकोर्ट में अपनी पत्नी पायल से तलाक की अर्जी दायर की थी। उमर अब्दुल्ला ने क्रूरता के आधार पर अपनी पत्नी से तलाक की मांग की गई थी। लेकिन हाईकोर्ट ने उसे खारिज कर दिया था। इसके खिलाफ उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।
उमर अब्दुल्लाह ने बताया कि शादी खत्म हो चुकी...
पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला की ओर से पेश हुए सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने बताया था कि उमर अब्दुल्ला और पायल की शादी मृतप्राय हो चुकी है क्योंकि दोनों एक दूसरे अलग रहे रहे हैं। दोनों पिछले 15 सालों से अलग-अलग रह रहे हैं। सिब्बल ने संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत शीर्ष अदालत के हस्तक्षेप का अनुरोध किया। इस आर्टिकल का इस्तेमाल अतीत में विवाह को समाप्त करने के लिए किया गया है।
पारिवारिक न्यायालय ने भी नहीं किया था तलाक मंजूर
2016 में उमर अब्दुल्ला ने अपनी पत्नी पायल अब्दुल्ला से पारिवारिक न्यायालय में तलाक की अर्जी दी थी। उन्होंने क्रूरता और परित्याग का आरोप लगाया था। लेकिन कोर्ट में तलाक मंजूर करने से इनकार करते हुए क्रूरता और परित्याग के आरोप को अस्पष्ट बताया था। कोर्ट ने कहा कि वह अपने दावों को साबित नहीं कर सके। इस आदेश को 2023 में दिल्ली हाईकोर्ट में जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विकास महाजन की बेंच ने बरकरार रखा था। अपने आदेश में हाईकोर्ट ने कहा था कि उसे पारिवारिक न्यायालय के आदेश में कोई दोष नहीं मिला और वह उसके निर्णय से सहमत है।
कब हुई थी उमर और पायल अब्दुल्ला की शादी?
उमर अब्दुल्ला और पायल अब्दुल्ला की शादी 1 सितंबर 1994 को हुई थी। दोनों 2009 से अलग रह रहे हैं। दंपत्ति अपने दो बेटों की कस्टडी साझा करते हैं। उमर अब्दुल्ला अपने दो बेटों की परवरिश के लिए कोर्ट के आदेश पर 60 हजार रुपये प्रति माह के अलावा पत्नी को डेढ़ लाख रुपये हर महीना देते हैं।
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