सार

कोरोना (Covid 19) के ओमीक्रोन (Omicron) वैरिएंट को लेकर दुनियाभर में रिसर्च चल रहे हैं। WHO ने इसे वैरिएंट ऑफ कंसर्न बताया है। दक्षिण अफ्रीका से लेकर पूरी दुनिया डरी है। इस बीच, अमेरिका ने राहत भरी खबर दी है। उसका कहना है कि यह वैरिएंट डेल्टा से कम गंभीर है...

नई दिल्ली। कोविड 19 का नया वैरिएंट ओमीक्रोन (Covid 19 New Variant Omicron) दुनियाभर के 50 देशों में दस्तक दे चुका है। दक्षिण अफ्रीका (South Africa) से निकला यह वैरिएंट कर्नाटक, दिल्ली, गुजरात, महाराष्ट्र तक पहुंच चुका है। डब्ल्यूएचओ ने इसे वैरिएंट ऑफ कंसर्न (Variant Of concern) बताया है, तो दक्षिण अफ्रीका की एक रिपोर्ट में इसे डेल्टा (Delta) से ज्यादा खतरनाक और तीन गुना री इन्फेक्शन करने वाला बताया गया है। इस पर वैक्सीन कितनी कारगर है, अभी पता नहीं है। हालांकि, दक्षिण अफ्रीका की खबरों में कहा गया है कि इस वैरिएंट से पीड़ित लोगों के अस्पताल में भर्ती होने की दर तेजी से नहीं बढ़ी है। जानें... दुनियाभर में ओमीक्रोन पर अब तक हुई रिसर्च में क्या सामने आया!


साउथ अफ्रीका : यहां आई एक नई रिपोर्ट में कहा गया है कि यह वैरिएंट डेल्टा (Delta) और बीटा (Beta) की तुलना में तीन गुना ज्यादा री इन्फेक्शन फैलाता है। यानी, जो लोग कोविड-19 से पहले संक्रमित हो चुके हैं, यह उन्हें फिर से संक्रमित कर सकता है। रिपोर्ट के मुताबिक, 27 नवंबर तक कोविड पॉजिटिव हुए 28 लाख लोगों में 35,670 लोगों के दोबारा संक्रमित होने का अनुमान है। कोविड संक्रमित होने के 90 दिनों बाद अगर रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो इसे री इन्फेक्शन माना जाता है।  

ब्रिटेन : कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में कोविड-19 की जीनोम सीक्वेंसिंग की अगुवाई करने वाली शेरोन पीकॉक कहती हैं कि नए वैरिएंट में बदलाव बढ़े हुए प्रसार के अनुरूप है, लेकिन कई बदलावों के असर का अब भी पता नहीं चल पाया है। वारविक यूनिवर्सिटी के वायरोलॉजिस्ट लॉरेंस यंग ने ओमीक्रोन को कोविड-19 का अब तक का सबसे अधिक परिवर्तित स्वरूप बताया, जिसमें चिंताजनक परिवर्तन शामिल हैं जो पहले कभी भी एक ही वायरस में नहीं देखे गए थे।

सिंगापुर : सिंगापुर के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि विश्व स्तर पर शुरुआती क्लीनिकल रिपोर्ट बताती हैं कि ओमीक्रोन इसके दूसरे वैरिएंट्स डेल्टा और बीटा के मुकाबले कहीं अधिक संक्रामक हो सकता है। इससे दोबारा संक्रमण को जोखिम भी अधिक हो सकता है। इसका मतलब ये है कि कोविड-19 से उबर चुके लोगों के ओमीक्रोन वैरिएंट से दोबारा संक्रमित होने का जोखिम अधिक है। 

अमेरिका : अमेरिका के शीर्ष डॉक्टर एंथनी फाउची कहते हैं कि शुरुआती संकेत बताते हैं कि यह संभवत: वायरस के डेल्टा वैरिएंट से कम खतरनाक है। डेल्टा के कारण अमेरिकी अस्पतालों में मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। हालांकि, फाउची के मुताबिक ओमीक्रोन की गंभीरता के बारे में निष्कर्ष निकालने से पहले वैज्ञानिकों को और जानकारी जुटाने की जरूरत है। 

भारत : ICMR के मुख्‍य वैज्ञानिक डॉ. रमन गंगाखेडकर का कहना है कि नया वैरिएंट कितना खतरनाक होगा, इस बारे में अभी सबूत उपलब्‍ध नहीं हैं। हालांकि, अभी शुरुआत में यही रिपोर्ट है कि इस वैरिएंट के कारण अभी अस्‍पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं आई है। माइल्‍ड लक्षणों को रोका नहीं जा सकता है, ऐसे में वैक्‍सीनेशान जरूर करवाएं। डॉ. गंगाखेडकर का कहना है कि नए वैरिएंट आते रहें। 

वैक्सीन प्रभावी या नहीं, अभी कुछ पता नहीं 
सिंगापुर स्वास्थ्य मंत्रालय के वैज्ञानिकों का कहना है कि ओमीक्रोन पर वैक्सीन प्रभावी हैं या नहीं इस बारे में अध्ययन चल रहे हैं। हालांकि, दुनियाभर के वैज्ञानिक मान रहे हैं कि कोविड रोधी वैक्सीन ओमीक्रोन वैरिएंट पर भी काम करेंगे। मंत्रालय ने पात्र लोगों से टीकाकरण करवाने या बूस्टर डोज लगवाने की अपील की है। वैज्ञानिक इस बात पर सहमत हैं कि ऐसा करने से वायरस के किसी भी वर्तमान स्वरूप या भविष्य के किसी भी अन्य स्वरूप से रक्षा हो सकेगी। 

अफ्रीकी यात्रियों पर लगा प्रतिबंध हटा सकता है अमेरिका 
अमेरिकी डॉक्टर फाउची ने कहा कि बाइडन प्रशासन कई अफ्रीकी देशों से आने वाले अन्य देशों के नागरिकों के प्रवेश पर लगाए गए प्रतिबंध को हटाने पर विचार कर रहा है। क्षेत्र में ओमीक्रोन स्वरूप के मामले सामने आने के बाद ये प्रतिबंध लागू किए गए थे।

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