सार
One Nation-One Election: देश में पंचायत से लेकर विधानसभा-लोकसभा चुनाव एक साथ कराने का ऐलान पीएम नरेंद्र मोदी ने लाल किले से किया था। बीजेपी ने अपने चुनावी घोषणा में भी 2029 में सभी चुनाव एक साथ कराने को कहा था। केंद्र सरकार समय-समय पर वन नेशन-वन इलेक्शन के कंसेप्ट पर तेजी से काम करने का दावा भी करती आ रही है। अगर केंद्र सरकार के दावा के अनुसार, 2029 में एक साथ पंचायत से लेकर विधानसभा, लोकसभा चुनाव हुए तो क्या समय से पहले विधानसभाओं को भंग करना पड़ेगा। नगर पालिका, ग्राम पंचायतों को भी समय पूर्व कार्यकाल खत्म करना होगा।
एक ही साथ होंगे सभी चुनाव
वन नेशन-वन इलेक्शन अगर लागू होता है तो सभी चुनाव एक साथ ही होंगे। यानी ग्राम पंचायत से लेकर जिला पंचायत, नगर पालिका से लेकर मेयर चुनाव के अलावा विधानसभा और लोकसभा चुनाव एक साथ ही होंगे। इसके लिए मोदी सरकार संसद में बिल लाने जा रही है। वन नेशन-वन इलेक्शन के लिए पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के नेतृत्व में एक कमेटी बनाई गई थी जिसने अपनी रिपोर्ट 14 मार्च 2024 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंप दी थी। यह रिपोर्ट करीब 18500 पन्नों में थी जिसने सभी चुनाव एक साथ कराने संबंधी सिफारिश की है। कमेटी ने दो चरणों में चुनाव कराने की सिफारिश की है। पहले चरण में लोकसभा व राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने और दूसरे चरण में नगर व ग्राम इलेक्शन्स कराने की सिफारिश की गई। कमेटी ने पहले चरण का चुनाव खत्म होने के 100 दिनों के भीतर दूसरे चरण का चुनाव कराने की सिफारिश की है।
समय से पहले भंग होगी कई राज्यों की सरकार?
- झारखंड, बिहार और दिल्ली की सरकार को एक साल पहले ही भंग करना होगा। झारखंड में 8 महीना, दिल्ली 9 महीना तो बिहार को 16 महीना पहले ही चुनाव कराया जाएगा।
- 2029 में चुनाव कराने के लिए पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, असम, केरल और पुडुचेरी की सरकारों को तीन साल में ही भंग करना होगा।
- यूपी, उत्तराखंड, गुजरात, पंजाब, गोवा, मणिपुर विधानसभाओं को दो साल में ही भंग करना होगा अगर 2029 में वन नेशन-वन इलेक्शन को प्रभावी किया गया। इन राज्यों में विधानसभा चुनाव 2027 में होना है।
- 10 राज्यों में तो 2028 में होने हैं चुनाव...हिमाचल प्रदेश, मेघालय, नागालैंड, त्रिपुरा, कर्नाटक, तेलंगाना, मिजोरम, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान विधानसभाओं का कार्यकाल 2028 में पूरा होगा। यानी 2029 में वन नेशन-वन इलेक्शन में इनको शामिल करने के लिए या तो इनका कार्यकाल बढ़ाना पड़ेगा या एक साल में ही इनको दो-दो बार विधानसभा चुनाव देखना पड़ेगा।
- आंध प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, ओडिशा और सिक्किम का कार्यकाल लोकसभा के साथ ही खत्म होगा। यानी 2029 में ही यहां चुनाव होने हैं। इन राज्यों को वन नेशन-वन इलेक्शन में शामिल होने के लिए कोई दिक्कत नहीं होगी।
- हरियाणा, महाराष्ट्र, जम्मू-कश्मीर की विधानसभाओं को छह महीना पहले ही खत्म करना होगा। 2029 के लोकसभा चुनाव के छह महीना बाद इनका चुनाव प्रस्तावित है।
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