सार
मणिपुर से दो दिवसीय दौरे के बाद लौटे सांसद आज संसद के बाहर मीडिया से बात करेंगे। वहीं इस मामले में केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा है कि मणिपुर से लौटे सांसद संसद में अपने अनुभव साझा करें।
नेशनल डेस्क। मणिपुर में लगातार हिंसा की वारदातों पर विपक्ष सताधारी पार्टी को घेरने में लगा है। दिल्ली में संसद के मानसून सत्र के दौरान सदन में जमकर हंगामा हो रहा है। मणिपुर के दौरै से लौटे सांसद आज संसद के बाहर मीडिया से चर्चा करेंगे। वहीं मणिपुर में जातीय हिंसा को लेकर सरकार ने संसद में बहस करने और पीएम नरेंद्र मोदी के दिए बयान पर कायम है।
दूसरी ओर विपक्षी गुट इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इनक्लूसिव एलायंस (INDIA) के 16 दलों के 21 सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल शनिवार को मणिपुर और रविवार को मणिपुर का दौरा करने के बाद आज दिल्ली लौट आया है। भाजपा ने कहा है कि विपक्ष संसद में आए और बहस करें। इसके साथ ही मणिपुर के अपने अनुभव को साझा करें।
अनुराग ठाकुर का आरोप, मणिपुर पर संसद में चर्चा से भाग रहा विपक्ष
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने मणिपुर से लौटे विपक्षी सांसदों से जातीय हिंसा पर संसद में चर्चा करने और यात्रा से अपने एक्सपीरियंस शेयर करने के लिए कहा है। अनुराग ठाकुर ने विपक्षी दलों के सदस्यों पर मणिपुर हिंसा पर संसद में चर्चा से भागने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सरकार ने 20 जुलाई को मानसून सत्र शुरू होने के साथ ही राज्य में जातीय हिंसा पर बहस करने बात रखी थी। प्रधानमंत्री मोदी ने संसद के चालू सत्र से पहले ही मणिपुर, राजस्थान, पश्चिम बंगाल और छत्तीसगढ़ में महिलाओं के साथ हो रहे अत्याचार पर सख्त बयान दे चुके हैं।
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पुरानी सरकार पर लगाए आरोप
अनुराग ठाकुर ने कहा कि विपक्षी सदस्यों से अपील है कि वे देश को बताएं कि कांग्रेस शासन में मणिपुर छह महीने तक कैसे जल रहा था। सैकड़ों लोगों की जान यूं ही चली जाती थी और फिर भी किसी गृहमंत्री या प्रधानमंत्री ने संसद में कोई बयान नहीं दिया। विपक्ष संसद के दोनों सदनों में मणिपुर हिंसा पर प्रधानमंत्री से बयान की मांग कर रहा है जो सरकार ने खारिज कर दिया है।
मणिपुर दौरे से लौटे सांसद आज संसद के बाहर मीडिया से करेंगे बात
'इंडिया' के 21 सांसदों का प्रतिनिधिमंडल संसद भवन के बाहर मीडिया के साथ अपने अनुभव साझा करेगा। इन सांसदों के मुताबिक राज्य के हालात चिंताजनक हैं। सांसदों का कहना है कि मणिपुर में राज्य सरकार के कामकाज से आम जन बेहाल है। केंद्र को इस ममाले में वे मामवे तुरंत हस्तक्षेप करना चाहिए।