अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी करने के फैसले पर कांग्रेस में खुलकर मतभेद सामने आए। जहां एक ओर पार्टी के वरिष्ट नेता गुलाम नबी आजाद, कपिल सिब्बल, पी चिदंबरम, मनीष तिवारी और अधीर रंजन चौधरी ने सरकार के फैसले का विरोध किया।
केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा हटा लिया है। सरकार ने आर्टिकल 370 को पूरी तरह से खत्म कर दिया है। सोमवार यानि 5 अगस्त को राज्यसभा में जम्मू कश्मीर पुनर्गठन विधेयक पेश किया गया। अब इस कानून के हटने के साथ ही राज्य में कई बड़े बदलाव हो सकते हैं।
मोदी सरकार ने मंगलवार को अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी कर दिया। इसके बाद जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्रियों महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला को हिरासत में ले लिया गया। अनुच्छेद 370 हटाने के फैसले पर महबूबा मुफ्ती की बेटी सना मुफ्ती ने भी प्रतिक्रिया दी है।
गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा के बाद मंगलवार को लोकसभा में अनुच्छेद 370 को लेकर संकल्प पेश किया। उन्होंने कहा कि भारत के राष्ट्रपति यह घोषणा करते है उनके आदेश के बाद अनुच्छेद 370 के सभी प्रावधान जम्मू कश्मीर में लागू नहीं होंगे।
केंद्र सरकार के बहुत बड़े फैसले के बाद कश्मीर में अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी कर दिया गया है। इस फैसले के बाद घाटी में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। पूरे राज्य को हाईअर्लट पर रखा गया है। खुद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल स्थिती पर नजर बनाए हुए हैं। जब तक केंद्र का फैसला सही तरीके से पूरे राज्य में लागू नहीं हो जाता अजीत डोभाल वहीं रहेंगे।
अयोध्या जमीन विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट आज से रोजाना सुनवाई करेगा। मध्यस्थता प्रयास विफल हो जाने के बाद चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता में 5 सदस्यों की बेंच इस मामले में सुनवाई कर रही है।
मोदी सरकार के इस फैसले के बाद कई लोगों की प्रतिक्रिया सामने आने लगी। बीजेपी सांसदों ने भी केंद्र सरकार के इस फैसले की जमकर तारीफ की। बीजेपी राज्यसभा सांसद राजीव चंद्रशेखर ने कहा- ये बदलाव का दिन।
मोदी सरकार ने जम्मू कश्मीर पर ऐतिहासिक फैसला किया है। उसने संविधान के अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रवाधान को खत्म कर दिया है। राज्य में भारत का संविधान पूरी तरह से लागू हो गया है। केंद्र सरकार ने राज्यों को दो हिस्सों में बांटा है। जिसमें पहला हिस्सा जम्मू और कश्मीर होगा, जिसकी अपनी विधानसभा होगी। दूसरा भाग लद्दाख बिना विधानसभा का केंद्र शासित राज्य होगा। केंद्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपाल अलग-अलग होंगे। इस फैसले की गूंज पूरी दुनिया में सुनाई दे रही है। इंटरनेशनल मीडिया ने इस खबर को प्रमुखता से उठाया है।
गृह मंत्री अमित शाह ने धारा 370 और 35ए पर हुई चर्चा का राज्यसभा में जवाब दिया। शाह ने कहा कि पाकिस्तान से आने वाला शरणार्थी भारत का प्रधानमंत्री तो बन सकता है, लेकिन कश्मीर का नागरिक नहीं बन सकता।
आज से 7 दशक पहले श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने जम्मू-कश्मीर को एक करने के लिए एक सपना देखा था। मुखर्जी ने वर्ष 1953 में दो विधान, दो निशान के खिलाफ आंदोलन शुरू किया था। लखनपुर में परमिट प्रणाली के विरोध में मुखर्जी ने विशाल मार्च निकाला था।