सार
Jammu and Kashmir के अलगाववादी नेता (Separatist leader) सैयद अली शाह गिलानी के निधन को पाकिस्तान भुनाने में लगा है। हालांकि सोशल मीडिया पर उन्हें करारा जवाब भी मिल रहा है।
नई दिल्ली.Jammu and Kashmir के अलगाववादी नेता (Separatist leader) सैयद अली शाह गिलानी के निधन पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान और वहां की सेना ने अपने twitter पेज Pakistan Defence के जरिये गिलानी के बहाने कश्मीर का राग फिर से अलापा है।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने किया tweet
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने गिलानी के निधन के बाद पाकिस्तान में एक दिन का राजकीय शोक घोषित किया है। इमरान ने tweet करके लिखा-हम पाकिस्तान में उनके साहसी संघर्ष को सलाम करते हैं और उनके शब्दों को याद करते हैं। "हम पाकिस्तानी हैं और पाकिस्तान हमारा है"। पाकिस्तान का झंडा आधा झुका रहेगा और हम एक दिन आधिकारिक शोक मनाएंगे। इमरान खान के tweet पर लोगों ने तीखे कमेंट्स किए हैं।
एक ने लिखा-#कितने गाजी आए, कितने गए, हमें फर्क नहीं पड़ा। तुम्हारी कब्रें तैयार हैं इधर। आमीन।
#एक ने जवाब दिया-गिलानी यह बात नहीं सोच पाया कि अगर इस देश ने कभी एक होकर सिर्फ यह सोच लिया कि हमारी आज़ादी सिर्फ रामराज के लिए है, तो जो लोग इस देश के बहुसंख्यकों को मजबूर कर रहे है कि वो भी अपनी आज़ादी के बारे में सोचें। इनको फिर वो गंगा जुमनी तहजीब याद आएगी, लेकिन तबतक देर हो चुकी होगी।
पाकिस्तानी सेना ने छेड़ा फिर विवाद
गिलानी की मौत पर पाकिस्तानी डिफेंस(Pakistan Defence) ने अपने twitter पेज पर लिखा-हुर्रियत नेता सैयद अली शाह गिलानी का निधन। एक सच्चे स्वतंत्रता संग्राम सेनानी ने अपना जीवन कश्मीर के लिए समर्पित कर दिया और यह लोग भारतीय सेना पर कब्जा करने और दमनकारी स्वतंत्रता के लिए लड़ रहे हैं।
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कड़ी सुरक्षा के बीच अलसुबह दफनाया गया
गिलानी को गुरुवार तड़के श्रीनगर के हैदरपोरा इलाके के एक कब्रिस्तान में सुबह 4.45 बजे दफनाया गया। इस दौरान कड़ी सुरक्षा व्यवस्था थी। यहां उनके रिश्तेदार और पड़ोसी ही मौजूद थे। लोगों की भीड़ को रोकने प्रशासन ने सख्ती के साथ पूरी घाटी में प्रतिबंध लगाया है। गिलानी के बेटे नईम ने कहा कि वे उन्हें श्रीनगर के ईदगाह स्थित शहीदों के कब्रिस्तान में दफनाना चाहते थे। किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए सरकारी बलों की भारी तैनाती की गई है। सरकारी BSNL के पोस्टपेड कनेक्शन और इंटरनेट को छोड़कर मोबाइल फोन सेवाएं बंद कर दी गईं।
पाकिस्तान के मीडिया ने बताया अशांति के डर से जल्दबाजी में दफनाया
पाकिस्तान के प्रमुख मीडिया geo.tv ने लिखा कि विवादित क्षेत्र में अशांति को रोकने हजारों पुलिस कर्मियों की मौजूदगी में गिलानी को दफनाया गया। रिपोर्ट में यह भी लिखा गया कि गिलानी की मौत के बाद उनके घर के पास की एक मस्जिद से लाउडस्पीकर पर लोगों को उनके घर पहुंचने को कहा गया था। लेकिन पुलिस ने किसी को बाहर नहीं निकलने दिया।