सार
देश में आम चुनाव 2024 से पहले गैर कांग्रेसी, गैर बीजपेपी तीसरे मोर्चे की सुगबुगाहट तेज हो गई है। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि अखिलेश यादव ने तमिलनाडु सीएम एमके स्टालिन से मुलाकात की है।
VP Singh Statue Chennai. भारत के पूर्व प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रतात सिंह की आदमकद प्रतिमा का लोकार्पण चेन्नई में किया गया है। इस दौरान यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को विशेष तौर पर आमंत्रित किया गया था। अखिलेश यादव पहले ही नए विपक्षी गठबंधन इंडिया को लेकर बयान दे चुके हैं। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनावों में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच तीखी बहस भी सुनाई दी थी। अब अखिलेश यादव और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की जुगलबंदी नए राजनैतिक समीकरण का संकेत दे रही है।
क्या हैं वीपी सिंह की प्रतिमा अनावरण के मायने
भारत के पूर्व प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह की आदमकद प्रतिमा चेन्नई के प्रेसीडेंसी कॉलेज में लगाई गई है। तमिलनाडु के सीएम स्टालिन ने इस प्रतिमा का अनावरण किया है। इस दौरान यूपी से अखिलेश यादव चीफ गेस्ट बनकर पहुंचे थे। अखिलेश यादव ने यहां जो बात कही है, उसके राजनैतिक समीकरण बन रहे हैं। अखिलेश ने कहा कि वीपी सिंह पिछड़े वर्ग के हीरो थे और उनके सामाजिक न्याय की लड़ाई अभी अधूरी है। अखिलेश ने यह भी कहा कि दिल्ली ने कभी हमें हमारा हक नहीं दिया। इसके सीधा मतलब है कि अखिलेश यादव ने बीजेपी सहित पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार पर भी निशाना साधा है।
क्या गैर कांग्रेसी तीसरा मोर्चा संभव
जब 26 दलों ने मिलकर इंडिया गठबंधन बनाया तो अखिलेश यादव और एमके स्टालिन इसके प्रमुख घटक रहे लेकिन मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले तल्खी आ गई। एमके स्टालिन अब अखिलेश यादव के जरिए पिछड़े वोटबैंक को साधना चाहते हैं। जानकारी के लिए बता दें कि अखिलेश के पिता मुलायम सिंह यादव और स्टालिन के पिता करूणानिधि के बीच भी अच्छे संबंध रहे थे। इस कार्यक्रम में बिहार के सीएम नीतीश को भी आमंत्रित किया गया था। अब राजनैतिक गलियारों में चर्चा है कि स्टालिन अब ममता बनर्जी, अखिलेश यादव और नीतीश कुमार के साथ मिलकर तीसरे मोर्चे का गठन कर सकते हैं।
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