Parliament Protest News: तीन विवादित Bills पर हंगामे के बीच Trinamool Congress (TMC) ने आरोप लगाया कि केंद्रीय मंत्री Kiren Rijiju और Ravneet Singh Bittu ने उनकी Women MPs के साथ धक्का-मुक्की की। BJP ने आरोपों को बताया "बेसलेस"। 

Parliament Protest 2025: संसद में टीएमसी (TMC) के सांसदों ने केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू और रवनीत सिंह बिट्टू पर महिला सांसदों से धक्कामुक्की और मारपीट का आरोप लगाया है। टीएमसी सांसदों के इस आरोप के बाद संसद में हंगामा शुरू हो गया। दो महिला सांसद शताब्दी रॉय और मिताली ने आरोप लगाया कि उनके साथ धक्का-मुक्की की गई। यह सब विवाद तीन बड़े बिलों को लेकर हुए विपक्ष के प्रदर्शन के दौरान हुआ है।

TMC सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा कि जब हम नारे लगा रहे थे तो बिट्टू और रिजिजू आकर हमारी महिला सांसदों पर हमला करने लगे। उन्होंने धक्का दिया। बिट्टू एक मंत्री हैं, उन्हें तुरंत इस्तीफा देना चाहिए। वे महिलाओं पर हमला कर रहे हैं।

BJP ने किया आरोपों से इनकार

भाजपा सांसद संजय जायसवाल ने कहा कि TMC का आरोप पूरी तरह निराधार है। उन्होंने कहा कि सत्तापक्ष के किसी भी सांसद ने महिला सांसदों से धक्का-मुक्की नहीं की।

विवादित Bills पर संसद में हंगामा

दरअसल, विपक्ष संसद में पेश हुए तीन विवादित बिलों को लेकर हंगामा कर रहा था। यह हंगामा तीन बिलों, गवर्नमेंट ऑफ यूनियन टेरीटेरीज (Amendment) बिल 2025, संविधान (130th Amendment) बिल 2025, जम्मू-कश्मीर रिआर्गेनाइजेशन (Amendment) बिल 2025 को लेकर हुआ।

इन बिल्स में प्रावधान है कि अगर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या कोई मंत्री 30 दिन तक हिरासत (Custody) में रहता है तो 31वें दिन उन्हें इस्तीफा देना होगा या फिर वे स्वत: पद से हटा दिए जाएंगे। इसके लिए संविधान (Constitution) के अनुच्छेद 75, 164 और 239AA में संशोधन (Amendment) का प्रस्ताव है।

TMC और विपक्ष का कहना है कि यह गैरसंवैधानिक बिल है। इसे लाकर BJP सरकार विपक्ष की आवाज दबाना चाहती है। विपक्षी सांसदों ने बिल की कॉपियां फाड़कर गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) की ओर फेंकी। TMC सांसद अभिषेक बनर्जी ने कहा कि यह बिल विपक्ष को चुप कराने और सत्ता का दुरुपयोग करने का तरीका है। सरकार जवाबदेही से भाग रही है।

JPC को भेजे जाएंगे बिल

गृह मंत्री अमित शाह ने आश्वासन दिया कि इन बिलों को 31 सदस्यीय संयुक्त संसदीय समिति (Joint Parliamentary Committee – JPC) को भेजा जाएगा जिसमें दोनों सदनों के सांसद शामिल होंगे। समिति अपनी रिपोर्ट शीतकालीन सत्र (Winter Session) से पहले पेश करेगी।