सार

पेगासस के जरिये कथित जासूसी कांड के मुद्दे पर देश में मचे राजनीति बवाल के बीच छत्तीसगढ़ का वर्ष, 2019 में विवादों में आया फोन टेपिंग केस भी Twitter पर वायरल होने लगा है। इसे लेकर एक यूजर ने गांधी फैमिली पर तंज कसा है।

नई दिल्ली. इजरायली स्पाइवेयर पेगासस के जरिये कथित तौर पर देश-दुनिया के कई प्रमुख लोगों की जासूसी कराए जाने का मुद्दा गर्माता जा रहा है। कांग्रेस इस मामले को लेकर केंद्र सरकार को घेरने में लगी है। इस बीच Twitter पर छत्तीसगढ़ में सत्ता परिवर्तन के बाद कांग्रेस की सरकार बनते ही सामने आया अवैध फोन टेपिंग का मामला वायरल होने लगा है। एक यूजर आलोक भट्ट ने वर्ष, 2019 में विवादों में आए छत्तीसगढ़ के फोन टेपिंग मामले पर tweet करते हुए सोनिया और राहुल गांधी पर तंज कसा है।

@RahulGandhi की इतालवी मां सुने तो बढ़िया-अब गोरों को तो सब allowed है!

पेशे से चार्टर्ड अकाउंटेंट और सोशल एक्टिविस्ट आलोक भट्ट ने लिखा कि इस मामले(छग फोन टेपिंग केस) में सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार को हिदायत दी थी कि वो आरोपी अधिकारियों के फोन टेप न करे। आलोक भट्ट ने लिखा-" SC ने वरिष्ठ IPS अधिकारी मुकेश गुप्ता और उनके परिवार के फोन को कथित रूप से इंटरसेप्ट(अवरोध) करने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार की खिंचाई करते हुए कहा कि किसी के लिए "कोई गोपनीयता नहीं" बची है। इसने यह भी जानना चाहा कि अधिकारी पर कथित निगरानी का आदेश किसने दिया था”-@राहुल गांधी... वह तुम हो!

यानी यूजर ने साफ कहा कि फोन टेपिंग का आदेश राहुल गांधी ने दिया था। यूजर ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को टैग किया है।

जानिए क्या था छत्तीसगढ़ फोन टेपिंग मामला
छत्तीसगढ़ में सत्ता परिवर्तन के बाद कांग्रेस सरकार ने नागरिक आपूर्ति निगम में हुए करोड़ों के घोटाले में जांच के आदेश दिए थे। इसकी जांच EOW कर रहा था। तब आरोप लगे थे कि आईपीएस मुकेश गुप्ता यानी तत्कालीन डीजी EOW आरोपियों के फोन टेप करा रहे हैं। इस मामले में उनके खिलाफ जांच शुरू हो गई थी। तब गुप्ता ने तर्क दिया था कि फोन टेपिंग सीएस और एसीएस के आदेश पर हुई, इसलिए उसे गलत नहीं ठहराया जा सकता है। गुप्ता पर आरोप था कि उन्होंने महत्वपूर्ण पदों पर रहते हुए गैर कानूनी तरीके से आम लोगों के फोन टेप करवाए। अपने निजी स्वार्थ के लिए मोबाइल पर होने वाली बातें सुनी। 


(File Photo:मुकेश गुप्ता)

 

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