सार
आपात स्थिति में राहत के लिए बनाया गया पीएम केयर्स फंड (PM Cares Fund) कोई पब्लिक अथॉरिटी (Public Authority) नहीं है। ये बात केंद्र सरकार ने मंगलवार को दिल्ली हाईकोर्ट में दिए अपने हलफनामे में कही।
PM Cares Fund: आपात स्थिति में राहत के लिए बनाया गया पीएम केयर्स फंड (PM Cares Fund) कोई पब्लिक अथॉरिटी (Public Authority)नहीं है। ये बात केंद्र सरकार ने मंगलवार को दिल्ली हाईकोर्ट को दिए अपने हलफनामें में कही। बता दें कि प्रधानमंत्री केयर फंड की वैधता को चुनौती देने वाली याचिका पर केंद्र ने अपने जवाब में साफ कर दिया कि यह ट्रस्ट कोई सरकारी फंड नहीं है। इसीलिए पीएम केयर्स फंड RTI के तहत सार्वजनिक प्राधिकार की परिभाषा में नहीं आता है।
ट्रस्ट के कामकाज में किसी भी सरकार का नियंत्रण नहीं :
दिल्ली हाईकोर्ट को सौंपे गए एक विस्तृत हलफनामे में केंद्र सरकार की ओर से कहा गया- पीएम केयर्स फंड भारत के संविधान, संसद या राज्य विधानमंडल द्वारा बनाए गए किसी भी कानून के तहत नहीं बनाया गया है। यह ट्रस्ट किसी सरकार द्वारा स्वामित्व, नियंत्रित या पर्याप्त रूप से वित्तपोषित नहीं है। ट्रस्ट के कामकाज में किसी भी तरह से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से केंद्र सरकार या किसी भी राज्य सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है।
पीएम केयर्स फंड को सरकारी फंड घोषित करने की हुई मांग :
बता दें कि एडवोकेट सम्यक गंगवाल ने एक याचिका दायर कर पीएम केयर्स को सरकारी फंड घोषित करने की मांग की थी। केंद्र की ओर से दिए गए हलफनामे में कहा गया है कि पीएम केयर फंड को सार्वजनिक प्राधिकरण नहीं कहा जा सकता, क्योंकि जिस उद्देश्य से इसे बनाया गया था वो पूरी तरह से धर्मार्थ है। ऐसे में न तो फंड का उपयोग किसी सरकारी योजना के लिए किया जाता है और न ही ट्रस्ट सरकार की किसी भी नीति से चलता है।
ट्रस्टीज में ये लोग शामिल :
केंद्र की ओर से दाखिल हलफनामे में बताया गया है कि पीएम केयर्स बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज में केंद्रीय गृह मंत्री और केंद्रीय वित्त मंत्री के साथ टाटा संस के पूर्व अध्यक्ष रतन टाटा, सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज केटी थॉमस और पूर्व डिप्टी स्पीकर करिया मुंडा शामिल हैं। बता दें कि इससे पहले पीएमओ की तरफ से जो हलफनामा दिया गया था, उसमें कहा गया था कि ट्रस्ट का फंड भारत सरकार का फंड नहीं है। न ही इसका पैसा भारत के कंसोलिडेटेड फंड में जाता है।
कब हुआ पीएम केयर्स फंड का गठन?
कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप जैसी आपातकालीन स्थितियों से निपटने के लिए 1 अप्रैल, 2020 को पीएम केयर्स फंड का गठन किया गया। इसे बनाने का उद्देश्य धर्मार्थ के कामों के लिए फंड इकट्ठा करना है। कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने साफ कहा था कि पीएम-केयर्स फंड में कंपनियों द्वारा योगदान कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसबिलिटी (CSR) में गिना जाएगा।
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