सार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज PM Garib Kalyan Anna Yojana से जुड़े मध्य प्रदेश के लाभार्थियों से बात की। इससे पहले वे गुजरात और फिर यूपी के लोगों से बात कर चुके हैं।
 

नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज PM Garib Kalyan Anna Yojana से जुड़े मध्य प्रदेश के लाभार्थियों से बात की। यह कार्यक्रम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये हुआ। इस मौके पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी शामिल हुए। इसके अलावा उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, असम, त्रिपुरा, हरियाणा और गोवा के मंत्री और खाद्य क्षेत्र अधिकारी भी जुड़े। मध्य प्रदेश में 7 अगस्त को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना दिवस के रूप में मनाया जा रहा है।

टोक्यो ओलंपिक में बेटियों की तारीफ
एक महिला से बातचीत करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने बच्चों को पढ़ाने की दिशा में जोर दिया। मोदी ने कहा कि गरीबी विकास में कभी आड़े नहीं आती। उन्होंने टोक्यो ओलंपिक का उदाहरण दिया। कहा- टोक्यो में देखा; कई बेटियां बहुत गरीब परिवार की थीं, लेकिन कमाल कर रही थीं।

कोरोनाकाल में राशन से संतोष दिखा
प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोनाकाल में जो राशन लोगों को मिला, उससे राहत मिली। उन्हें संतोष मिला। मोदी ने बाढ़ की स्थिति पर चिंता जताई। दुर्भाग्य की बात है कि मप्र के कई जिले बारिश और बाढ़ का सामना कर रहे हैं। कई लोगों का जीवन और आजीविका प्रभावित। भारत सरकार और पूरा देश संकट के इस समय में मध्य प्रदेश के साथ खड़ा है। उन्होंने प्रदेश सरकार के अलावा रेस्क्यू में जुटी टीम की सराहना की। मोदी ने कहा कि आपदा कोई भी हो, उसका असर दूरगामी, व्यापक होता है। कोरोना के रूप में 100 साल बाद ऐसी आपदा आई है। ऐसी आपदा दुनिया ने कभी नहीं देखी।

कोरोना और वैक्सीनेशन
 मोदी ने कहा-कल ही भारत ने 50 करोड़ वैक्सीन डोज़ लगाने के बहुत अहम पड़ाव को पार किया है। दुनिया में ऐसे अनेक देश हैं, जिनकी कुल जनसंख्या से भी अधिक टीके भारत एक सप्ताह में लगा रहा है। ये नए भारत का, आत्मनिर्भर होते भारत का नया सामर्थ्य है।

दिल्ली से 100 पैसे चलते हैं, तो आप तक 100 पहुंचते हैं
मोदी ने कहा कि दिल्ली से अगर 100 रुपए भेजे जाते हैं, तो वो लोगों तक 100 ही पहुंचते हैं। यह जागरुकता और टेक्नोलॉजी के कारण हुआ है। मोदी ने कहा-आज अगर सरकार की योजनाएं ज़मीन पर तेज़ी से पहुंच रही हैं, इसके पीछे सरकार के कामकाज में आया परिवर्तन है। पहले की सरकारी व्यवस्था में एक विकृति थी। वो गरीब के बारे में सवाल भी खुद पूछते थे और जवाब भी खुद ही देते थे। जिस तक लाभ पहुंचाना है, उसके बारे में पहले सोचा ही नहीं जाता था।  

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा
PM गरीब कल्याण अन्न योजना के अंतर्गत नि:शुल्क खाद्यान्न का वितरण अभियान नवंबर 2021 तक चलेगा। ये अभियान अप्रैल में ही शुरू हुआ था। मैं PM को धन्यवाद देना चाहता हूं, उन्होंने 2016 से अब तक 26,27,899 परिवारों को 32,204 करोड़ रु. की सब्सिडी मकान बनाने के लिए पैसा दिया है।

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इससे पहले पीएम गुजरात और फिर यूपी के लोगों से बात कर चुके हैं। बता दें कि PM-GKAY योजना के तहत अगले पांच महीने तक देश के 81 करोड़ गरीब लोगों को फ्री में 5 किलो राशन मुहैया कराया जाएगा। इस योजना का लाभ अधिक से अधिक लोगों तक पहुंच सके, इसलिए राज्य और केंद्र सरकार इसके प्रचार-प्रसार में लगी है। 

मध्य प्रदेश में 4.83 करोड़ लोगों को मिलता है लाभ
अगर सिर्फ मध्य प्रदेश की बात करें, तो इस योजना का लाभ करीब 4.83 करोड़ गरीबों को मिलता है। यह राश 25000 से अधिक सरकारी राशन की दुकानों से बांटा जा रहा है। 

पांच महीने तक 81 करोड़ लोगों की फ्री मिलेगा 5 किलो राशन
जून में केंद्रीय कैबिनेट ने केंद्रीय कैबिनेट ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के चौथे चरण के लिए राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के लाभार्थियों को नवंबर तक अतिरिक्त खाद्यान्न के आवंटन को मंजूरी दी थी। यह फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया था। इस योजना के तहत, सरकार एनएफएसए (अंत्योदय अन्न योजना और प्राथमिकता वाले परिवारों) के तहत कवर किए गए अधिकतम 81.35 करोड़ लाभार्थियों को प्रति व्यक्ति हर महीने 5 किलो खाद्यान्न फ्री राशन देगी।

टीपीडीएस के तहत अधिकतम 81.35 करोड़ व्यक्तियों को पांच महीने के लिए प्रति माह प्रति माह 5 किलो अतिरिक्त खाद्यान्न की मंजूरी से 64,031 करोड़ रुपये की अनुमानित खाद्य सब्सिडी मिलेगी। भारत सरकार इस योजना के लिए राज्यों/केन्द्र-शासित प्रदेशों के बिना किसी भी योगदान के पूरे खर्च को वहन कर रही है। भारत सरकार द्वारा परिवहन एवं ढुलाई और एफपीएस डीलरों के लाभांश आदि के लिए लगभग 3,234.85 करोड़ रुपये का अतिरिक्त खर्च किया जाएगा।

भारत सरकार द्वारा वहन किया जाने वाला कुल अनुमानित व्यय 67,266.44 करोड़ रुपये होगा। इसमें कहा गया है कि गेहूं/चावल के रूप में आवंटन के बारे में खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग द्वारा तय किया जाएगा। खाद्यान्न के मामले में कुल निर्गम लगभग 204 लाख मीट्रिक टन हो सकता है।

योजना के बारे में यह भी जानें

  • पिछले साल लगभग 948 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न आवंटित किया गया था, जो कि COVID के दौरान खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक सामान्य वर्ष से 50% अधिक है।
  •  2020-21 के दौरान करीब 2.84 लाख करोड़ रुपए की खाद्य सब्सिडी दी गई।
  • गुजरात में 3.3 करोड़ से अधिक पात्र लाभार्थियों को 5 हजार करोड़ से अधिक की सब्सिडी राशि के साथ 25.5 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न मिला।
  • प्रवासी लाभार्थियों के लिए खाद्य सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए, 33 राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों में अब तक एक राष्ट्र एक राशन कार्ड लागू किया गया है।


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