सार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को रेडियो कार्यक्रम मन की बात की संबोधित किया। दोबारा प्रधानमंत्री बनने के बाद ये तीसरी मन की बात थी। इस दौरान मोदी ने बापू की 150वीं जयंती, प्लास्टिक का इस्तेमाल बंद करने जैसे अहम मुद्दों पर बात की।

नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को रेडियो कार्यक्रम मन की बात की संबोधित किया। दोबारा प्रधानमंत्री बनने के बाद ये तीसरी मन की बात थी। इस दौरान मोदी ने बापू की 150वीं जयंती, प्लास्टिक का इस्तेमाल बंद करने जैसे अहम मुद्दों पर बात की। इस दौरान मोदी ने डिस्कवरी चैनल पर बेयर ग्रिल्स के साथ शो  Man vs wild का जिक्र किया। मोदी ने कहा कि बहुत सारे लोग जानना चाहते हैं कि मेरी हिंदी को बेयर ग्रिल्स कैसे समझ रहे थे? उन्होंने कहा कि लोग पूछ रहे हैं कि इसे एडिट किया गया होगा या इसे कई शॉट में बनाया गया होगा। 

मोदी ने कहा,  तकनीकी ने हमारे बीच में ब्रिज का काम किया। उनके कान में कॉर्डलेस डिवाइस लगाया गया था, जो मेरी हिंदी को लगातार अंग्रेजी में ट्रांसलेट कर रहा था। मुझसे इस कार्यक्रम के बारे में बहुत सारे लोगों ने पूछा है। मैं इस एक एपिसोड से देश ही नहीं, दुनियाभर के युवाओं से जुड़ गया हूं। उन्होंने कहा, मुझे आशा है कि Man vs wild कार्यक्रम भारत का सन्देश, परंपरा, संस्कार, यात्रा में प्रकृति के प्रति संवेदनशीलता, इन सारी बातों से विश्व को परिचित कराने में मदद करेगा, ऐसा मेरा पक्का विश्वास बन गया है।
 
'प्लास्टिक को कहें ना'
प्रधानमंत्री ने कहा, 2 अक्टूबर को जब बापू की 150वीं जयंती मनाएंगे तो इस अवसर पर हम उन्हें न केवल खुले में शौच से मुक्त भारत समर्पित करेंगे, बल्कि उस दिन पूरे देश में प्लास्टिक के खिलाफ एक नए जन-आंदोलन की नींव रखेंगे। 2 अक्टूबर को एक नए युग का जन्म हुआ था। उनसे सेवा भाव की बात हमेशा जुड़ी रही। उन्होंने साउथ अफ्रीका में नस्लीय भेदभाव से प्रभावित लोगों की सेवा की। किसानों, मजदूरों, कमजोर, भूखे और गरीब लोगों की सेवा की। 

'2 अक्टूबर पर स्वच्छता का संदेश दें'
पिछले कुछ सालों से 2 अक्टूबर से दो हफ्ते पहले हम स्वच्छता अभियान चलाते थे। इस बार यह 11 अक्टूबर से शुरू होगा। इस बार प्लास्टिक पर ज्यादा जोर देना है। मैंने लाल किले से कहा था कि हमें सिंगल यूज प्लास्टिक के चलन को खत्म करना है। कई व्यापारी भाइयों-बहनों ने दुकान में एक तख्ती लगा दी है, जिस पर यह लिखा है कि ग्राहक अपना थैला साथ लेकर आएं। इससे पैसा भी बचेगा और पर्यावरण की रक्षा में भी वे अपना योगदान दे पाएंगे। यह अच्छी मुहिम है। इस साल हम 2 अक्टूबर एक विशेष दिन के तौर पर मनाएं और हर जगह स्वच्छता का संदेश दें।